भ्रष्टाचार पर घिरी केजरीवाल सरकार, लेबर बोर्ड में 139 करोड़ का 'महाघोटाला'

Wednesday, May 09, 2018 - 12:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी का एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। अरविंद केजरीवाल की सरकार पर अवैध रूप से दिल्ली निर्माण बोर्ड का गठन और कंस्ट्रक्शन लेबर फंड में 139 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की शिकायत पर श्रम विभाग के खिलाफ छह धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

बोर्ड में हुए अवैध पंजीकरण
शिकायत में कहा गया कि सरकार के श्रम मंत्रालय ने कई कामकाजी लोगों को भी अवैध तरीके से दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण करा दिया, जबकि किसी भी कंपनी बनाने वालों व चालक आदि की नौकरी करने वालों का वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराया जा सकता है। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने अपना वोट बैंक बचाने के लिए नियमों का दरकिनार कर ऐसा कदम उठाया गया। शुरुआती जांच में एंटी करप्शन ब्रांच ने इन आरोपों को सही पाया और विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

कई अफसरों पर मिलीभगत का आरोप
मामले का खुलासा करने वाले सुखबीर शर्मा के अनुसार दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड के मुताबिक निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं को आम आदमी पार्टी के वॉलेंटियर्स को बोगस श्रमिक बनाकर दे दिया गया। इस बारे में कई बार लेबर डिपार्टमेंट और दिल्ली सरकार से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप ये है कि अफसरों की मिलीभगत से इस काम को अंजाम दिया गया है।

नौकरी करने वाले भी बने श्रमिक
बता दें कि 2002 में दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया गया था। इसमें कंस्ट्रक्शन या अन्य साइटों पर काम करने वाले मजदूरों का बोर्ड में पंजीकरण करने का प्रावधान है। दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण होने पर सरकार की तरफ से मजदूरों को 17 तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने कई लोगों को अवैध तरीके से बोर्ड में पंजीकरण कराया। नौकरी करने वालों से लेकर बिजनेसमैन तक को कागजों पर श्रमिक बना दिया गया।

vasudha

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