आयुष्मान भारत योजना में562 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा, इन शहरों से सामने आए मामले
punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2025 - 06:33 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: मोदी सरकार की प्रमुख योजना, आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। संसद में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई (NAFU) ने प्राइवेट अस्पतालों के 562.4 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम को फर्जी पाया है। राज्य स्वास्थ्य एजेंसियां (SHA) नियमित रूप से मेडिकल ऑडिट करती हैं, जिसमें डेस्क और फील्ड दोनों तरह के ऑडिट शामिल होते हैं। इस जांच के दौरान कुल 1,114 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के तहत 549 अस्पतालों को सस्पेंड भी किया गया है।
राज्यसभा में सरकार से पूछा गया कि क्या आयुष्मान भारत योजना में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा फर्जी बिल बनाने के मामले सामने आए हैं? अगर हां, तो इसका राज्य और अस्पताल के हिसाब से विवरण क्या है? फर्जी बिल बनाने वाले अस्पतालों पर क्या कार्रवाई की गई है और सरकार इस मामले में क्या कदम उठा रही है? इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने जानकारी दी।
सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है-
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े पर सरकार ने बताया कि यह योजना सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसके तहत देश के आर्थिक रूप से कमजोर 40% लोगों के 12.37 करोड़ परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवर दिया जाता है, जो लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को मिलता है। हाल ही में, इस योजना में 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को वय वंदना कार्ड के साथ ABPMJAY में शामिल किया गया है।
धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाए कई कदम-
इस योजना में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने और पहचानने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई (NAFU) बनाई है, जो धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की जांच करती है। NAFU ने 6.66 करोड़ दावों में से प्राइवेट अस्पतालों के 562.4 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम फर्जी पाए, जिन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है।