आतंकी मसूद की संपत्ति जब्त करेगा फ्रांस, PAK ने फिर किया कार्रवाई करने से इनकार
Friday, Mar 15, 2019 - 05:38 PM (IST)
नेशनल डेस्कः आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को पाकिस्तान गिरफ्तार नहीं करेगा। पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा मसूद पर सौंपे गए सबूत कांफी नहीं है। पाकिस्तान ने अपना दोहरा चेहरा दिखाते हुए कहा कि भारत ने जो सबूत सौंपे हैं उससे यह जाहिर नहीं होता कि आतंकी हमलों में मसूद का कोई हाथ है। वहीं, फ्रांस ने आतंकी संगठन पर खुद ही ऐक्शन लेने का फैसला किया कि जैश सरगना मसूद की देश में जितनी भी संपत्तियां हैं उसे जब्त करेगा। जैश पर फ्रांस की यह अब तक की सबसे पड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के मार्ग को चीन के चौथी बार बाधित करने से नाराज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि चीन अपनी इस नीति पर अड़ा रहा तो जिम्मेदार सदस्य परिषद में ‘‘अन्य कदम उठाने पर मजबूर’’ हो सकते हैं।
सुरक्षा परिषद के एक दूत ने चीन को असामान्य कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। यहां बता दें कि फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी’’ के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था। 13 मार्च को इस पर सुनवाई होनी थी लेकिन चीन ने समय सीमा खत्म होने से पहले ही वीटो डाल कर मसूद को फिर से बचा लिया। गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका ने भी जताई नाराजगी
चीन द्वारा रोड़ा अटकाने को लेकर अमेरिका के एक सांसद ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि चीन के पास अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने का बेहतर अवसर था। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष, सांसद इलियट इंगेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि मैं निराश हूं कि चीन ने फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के मार्ग में रोड़ा अटकाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा के अलावा भारत के विभिन्न हिस्सों में दो दशक में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है जिनमें 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुआ हमला भी शामिल है। इस हमले में नौ सुरक्षा कर्मी और अधिकारी मारे गए थे। चीन के इस कदम पर भारत ने भी निराशा जाहिर की थी।