GST से जुड़े चार विधेयक संसद में पेश, लागू होने के बाद घेटेंगे वस्तुओं के दाम

Tuesday, Mar 28, 2017 - 12:30 AM (IST)

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किए जिसमें जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत तय की गई है। साथ ही इसे लागू करने से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए वित्त वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष बनाया गया है और क्षतिपूर्ति के लिए लगने वाले उपकर की दरें भी तय कर दी गई हैं।   

 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में क्षतिपूर्ति से संबंधित ‘वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक ‘,‘संघ राज्यक्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’(यूटी-जीएसटी), केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’(सी-जीएसटी) और‘एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर विधेयक’(आई-जीएसटी) पेश किया। सी-जीएसटी विधेयक में कर की अधिकतम दर 40 प्रतिशत तय की गई है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 40 प्रतिशत की दर का प्रावधान सिर्फ आपात स्थिति के लिए रखा गया है जबकि सामान्य स्थिति में अधिकतम दर 20 प्रतिशत होगी। 


क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक में कहा गया है कि क्षतिपूर्ति की गणना के लिए आधार वर्ष 2015-16 होगा। साथ ही गणना में 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को शामिल करते हुए किसी वित्त वर्ष के लिए क्षतिपूर्ति की राशि की गणना की जाएगी। क्षतिपूर्ति पांच साल तक देने का प्रस्ताव है। गणना में पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, प्राकृतिक रिपीट प्राकृतिक गैस तथा शराब को छोड़कर अन्य किसी भी तरह की वस्तु अथवा सेवा पर राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले करों को शामिल किया जाएगा। हालांकि, राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले, लेकिन स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले मनोरंजन कर को गणना में शामिल नहीं किया जाएगा।  


विधेयक पेश करने से पहले इसे लेकर सदन में थोड़ा हो-हल्ला भी हुआ। प्रश्नकाल के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन में रखे जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जीएसटी से जुड़े विधेयक पेश करने के लिए जेटली का नाम पुकारा जिस पर विपक्षी सदस्य इसे गलत तरीके से कार्यसूची में शामिल करने का आरोप लगाते हुए हल्ला करने लगे। कांग्रेस सदस्य के.सी. वेणुगोपाल ने नियम 72 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने इसे संशोधित कार्यसूची में भी शामिल नहीं कर सदस्यों को बहस के लिए तैयारी करने का मौका नहीं दिया जो गलत है। अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इस पर हंगामा किया। 


महाजन ने कहा कि इन विधेयकों को पेश करने का फैसला शुक्रवार शाम को किया गया था और शनिवार सुबह सभी सदस्यों को इसके बारे में सूचना दे दी गई थी। हालांकि, शनिवार और रविवार गैर-कार्यदिवस होने के कारण इसे कार्यसूची में शामिल नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि शनिवार को सूचना दे दिए जाने के कारण इसे आज सदन में पेश किया जा सकता है और उन्होंने जेटली को इसकी अनुमति दी है। इसके बाद जेटली ने एक-एक करके एस-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक सदन में पेश किए। 

Advertising