पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को मिला भारत रत्न सम्मान,

Thursday, Aug 08, 2019 - 07:18 PM (IST)

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। उनके अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और संगीतकार एवं गीतकार भूपेन हजारिका को मरणोपरांत इस अलंकरण से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में एक आकर्षक समारोह में कोविंद ने प्रशस्ति पत्र तथा प्रतीक चिन्ह प्रदान किए। इन तीनों विभूतियों को 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत रत्न से विभूषित करने की घोषणा की गई थी।

मुखर्जी भारत रत्न से अलंकृत किए गए देश के ऐसे छठे व्यक्ति है जो राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके हैं। इनमें से सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनने से पहले ही यह सम्मान मिला था। मुखर्जी का जन्म, पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़लिे के किरनाहर शहर के एक छोटे से गांव मिराती में 11 दिसंबर, 1935 को हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी क्षेत्र के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और आज़ादी की लड़ाई में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के चलते वह 10 वर्षों से ज्यादा समय तक जेलों में कैद रहे। 


मुखर्जी लोकसभा के लिए पहली बार पश्चिम बंगाल के जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2004 में चुने गए थे और इसी क्षेत्र से दुबारा 2009 में भी लोकसभा के लिए चुने गए। वह लंबे समय तक देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष आदि पदों पर रहे। उन्हें जुलाई 2012 में देश का 13वां राष्ट्रपति चुना गया। मुखर्जी की पत्नी श्रीमती शुभ्रा मुखर्जी का निधन हो गया है और उनके परिवार में पुत्र अभिजीत मुखर्जी और पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं।


नानाजी देशमुख
नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को और निधन 27 फरवरी 2010 में हुआ था। उनका वास्तविक नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था। वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक नेता भी रहे। वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा था लेकिन उन्होंने यह कहकर कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज सेवा का कार्य करें, मंत्री पद ठुकरा दिया था। वह जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार हेतु कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था।

 
वाजपेयी के कार्यकाल में ही केन्द्र सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया था। उन्होंने चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की और स्वावलंबन पर आधारित ग्राम स्वराज का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत किया था। 

भूपेन हजारिका
भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे। वे ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूतों में से एक माना गया। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया। उन्होंने अपनी मातृभाषा असमिया के अलावा हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाये। 


उनका जन्म असम के तिनसुकिया जिले के सदिया में हुआ था। भूपेन हजारिका ने 1946 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम ए किया। इसके बाद पढ़ाई के लिए विदेश चले गए। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की। उन्हें 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें 2009 में असोम रत्न और उसी साल संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और 2011 में पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनका निधन पांच नवंबर 2011 को हुआ था। 

 

shukdev

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