भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने टिक टॉक का केस लड़ने से किया इनकार

Wednesday, Jul 01, 2020 - 09:54 PM (IST)

नई दिल्लीः पूर्व अटार्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह अदालतों में वीडियो साझा ऐप्लिकेशन ‘टिकटॉक' समेत चीनी ऐप का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा और सुप्रभुता पर खतरे का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने 29 जून को टिकटॉक, शेयरइट, एमआईवीडियो कॉल, क्लबफैक्टरी और कैम स्कैनर जैसे 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी थी।

रोहतगी ने कहा कि वह भारत सरकार के खिलाफ अदालतों में इन ऐप की ओर से पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा,‘‘वर्तमान तनाव के मद्देनजर किसी चीनी कंपनी की ओर से पेश होना उचित महसूस नहीं होता है।'' इन ऐप पर भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच प्रतिबंध लगाया गया है। उन्नीस जून, 2014 से लेकर 18 जून, 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे रोहतगी देश के जाने माने वकीलों में एक हैं। उन्हें राजग सरकार ने अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था।

सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स को किया बैन
सोमवार को भारत सरकार ने चीन को बड़ा झटका देते हुए टिक-टॉक समेत 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया। हेलो और कैम स्कैनर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बाद से ही टिक-टॉक एप को बैन करने की मांग की जा रही थी।

इसके अलावा यूसी ब्राउजर, शेयर इट जैसे और भी बहुत से चर्चित एप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से चीनी एप्स की एक सूची तैयार कर केंद्र सरकार से उनपर रोक लगाने की अपील की थी। इसके पीछे यह दलील दी गई थी कि चीन भारतीय डाटा हैक कर सकता है।

सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार सरकार ने उन 59 मोबाइल एप्स को प्रतिबंधित किया है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा थे। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से इन एप्स को लेकर कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें कई मोबाइल एप्स के दुरुपयोग की बाते हैं। ये एप्स आईफोन और एंड्रॉयड दोनों यूजर्स का डाटा चोरी कर रहे हैं। इन सभी एप्स का सर्वर भारत के बाहर है।  

 

Yaspal

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