बैंक धोखाधड़ी: ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर ने गिरफ्तारी के खिलाफ खटखटाया बंबई HC का दरवाजा

Tuesday, Dec 27, 2022 - 04:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया और ऋण धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया। हालांकि, अदालत ने मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कोचर दंपति को निर्देश दिया कि छुट्टियों के बाद जब नियमित पीठ काम शुरू कर दे, तो वे उसके समक्ष मामले का उल्लेख करें। कोचर की तरफ से पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी से पहले कोई पूर्व अनुमति नहीं ली, जो कानून के तहत जरूरी है।

 

जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात को कोचर दंपति से संक्षिप्त पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उसने आरोप लगाया कि उन्होंने जवाब देने में टालमटोल की और जांच में सहयोग नहीं किया। सीबीआई ने कोचर दंपति और वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (NRL), सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL), वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत 2019 में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

 

एजेंसी का आरोप है कि ICICI बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं। जांच एजेंसी ने 71 वर्षीय धूत को सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली मंजूरी समिति ने 2009 में लोक सेवक के रूप में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग करके बैंक के नियमों और नीतियों का उल्लंघन कर वीआईईएल को 300 करोड़ रुपए का सावधि ऋण स्वीकृत किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि ऋण दिये जाने के अगले ही दिन धूत ने एसईपीएल के जरिए वीआईईएल से 64 करोड़ रुपए एनआरएल को स्थानांतरित कर दिए। कोचर दंपति और धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजा गया है।

Seema Sharma

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