RTI कार्यकर्ता हत्याकांड में पूर्व भाजपा सांसद सहित 7 को उम्रकैद

Thursday, Jul 11, 2019 - 04:31 PM (IST)

अहमदाबाद: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने साल 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के लिए भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी और छह अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों का पर्दाफाश करने की कोशिश करने पर जेठवा की हत्या कर दी गई। विशेष सीबीआई न्यायाधीश के एम दवे ने सोलंकी और उसके भतीजे पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उसका भतीजा भी मामले में आरोपी है। 

अदालत ने वीरवार को फैसला सुनाते हुए सोलंकी और उसके भतीजे शिवा सोलंकी को हत्या तथा साजिश रचने का दोषी ठहराया। सोलंकी 2009 से 2014 तक जूनागढ़ के सांसद रहे। मामले के अन्य दोषियों में शैलेश पांड्या, बहादुरसिंह वढेर, पंचन जी देसाई, संजय चौहान और उदाजी ठाकोर शामिल हैं। अदालत ने गत शनिवार का सभी सातों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया था। पेशे से वकील जेठवा की गिर वन्यजीव अभयारण्य और उसके आसपास अवैध खनन का आरटीआई आवेदनों के जरिए खुलासा करने को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन खनन गतिविधियों में सोलंकी शामिल था। 

साल 2010 में जेठवा ने गिर अभयारण्य में और उसके आसपास अवैध खनन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। सोलंकी और उसके भतीजे को इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया और जेठवा ने अवैध खनन में उनकी संलिप्तता को दिखाने वाले कई दस्तावेज पेश किए थे। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ही जेठवा की 20 जुलाई 2010 को गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरुआत में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने मामले की जांच की और दीनू सोलंकी को क्लीन चिट दे दी थी। जांच पर असंतोष जताते हुए उच्च न्यायालय ने साल 2013 में मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। 

सीबीआई ने नवंबर 2013 में सोलंकी और छह अन्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। मई 2016 में उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक षडयंत्र के आरोप तय किए गए। इसके बाद कार्यकर्ता के पिता भिखाभाई जेठवा फिर से मामला चलाने के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे। अदालत ने 2017 में नए सिरे से मामला चलाने के आदेश दिए। मृतक आरटीआई कार्यकर्ता के पिता भिखाभाई जेठवा ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि हमारी न्यायपालिका समय लेती है लेकिन उसने आखिरकार हमारे परिवार को न्याय प्रदान किया... यहां तक कि सोलंकी जैसे अपराधी से भी न्याय किया।
 

vasudha

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