दिल्ली दंगों में आरोपी पूर्व पार्षद इशरत जहां को मिली जमानत, स्पेशल सेल ने UAPA के तहत किया था गिरफ्तार

Monday, Mar 14, 2022 - 08:00 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2020 के दिल्ली दंगा मामले से जुड़े व्यापक साजिश मामले में सोमवार को कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को जमानत प्रदान की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत आदेश पारित किया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए मुख्य साजिशकर्ता के रूप में भूमिका निभाने के आरोप में इशरत समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। इससे पहले, इशरत जहां को शादी के लिए जून 2020 में 10 दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी।

अदालत ने नवंबर 2020 में अपराध की गंभीरता को देखते हुए इशरत जहां को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले शामिल थे। इशरत जहां मंडोली जेल में कोविड-19 के प्रकोप और अन्य चिकित्सा संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए जमानत मांग रही थीं। इससे पहले उसे शादी के लिए 10 दिन की अंतरिम जमानत दी गयी थी और गवाहों को प्रभावित नहीं करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया गया था।

दंगों में 53 लोगों की हो गई थी मौत
उसकी शादी 12 जून, 2020 को होनी तय हुई थी। इशरत जहां के अलावा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कालिता, पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन तथा कई अन्य पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इन सभी पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप था। दंगों में 53 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गये थे। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में तनहा, नरवाल तथा कालिता को मामले में जमानत दी थी और कहा था कि सरकार ने असंतोष को दबाने की जल्दबाजी में प्रदर्शन के अधिकार तथा आतंकवादी गतिविधि के बीच की रेखा को धूमिल कर दिया। 

Yaspal

Advertising