पूर्व सैन्य अधिकारी बोले- सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति ठीक नहीं

Saturday, Dec 08, 2018 - 12:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने के दो साल बाद लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा कि इसे लेकर प्रचार करना अनुचित नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक पर और कितनी राजनीति की जाएगी? सेना की सर्जिकल स्ट्राइक सही थी या गलत क्या यह भी राजनेताओं से पूछा जाएगा? 


मिलिट्री लिटरेचर फेस्टवल में एक संगोष्ठी में युद्ध दिग्गजों ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार प्रतिकारात्मक कार्रवाई रक्षा बलों के लिए ‘सामान्य‘ बात है। उन्होंने केंद्र सरकार के राजनीतिक लाभ के लिए सेना के ऑपरेशन के राजनीतिकरण को गलत बताया। सीमा पार ऑपरेशन और सर्जिकल स्ट्राइक पर चर्चा के दौरान रक्षा टिप्पणीकार और सेवानिवृत्त कर्नल अजय शुक्ल ने सेना की उपलब्धियों को राजनीतिक उद्देश्यों के हिसाब से इस्तेमाल करने से बचने का सुझाव दिया। 


कर्नल शुक्ला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के अत्यधिक प्रचार ने भारतीय राजनीतिक वर्ग के लिए एक खतरनाक पैमाना बनाया है जिसे भविष्य में आतंकवादी हमले होने की सूरत में बनाये रखना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि सफलता का अपना बोझ होता है और पाकिस्तान वास्तव में प्रोत्साहित ही हुआ होगा क्योंकि उन्हें पता चल गया कि भारत सरकार पर अब हमेशा आतंकी हमले के बाद सीमा पार स्ट्राइक का दबाव होगा। 


पूर्व उत्तरी कमान सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हूडा ने कहा कि सफलता को लेकर शुरुआती उत्साह तक तो ठीक था पर सेना ऑपरेशन का लगातार प्रचार करना अनावश्यक। उन्होंने कहा कि बेहतर होता यदि यह कार्रवाई गुप्त तरीके से की जाती। ऐसी कार्रवाई का उद्देश्य सामरिक था जो दुश्मन के मनोबल को प्रभावित करता है। जनरल ने कहा कि वह निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि भारत ने यह उद्देश्य पूरी तरह से हासिल किया।

vasudha

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