विदेश सचिव ने विदेशी दूतावासों को पैसे निकालने में आ रही समस्या सुलझाने का दिलाया भरोसा

Thursday, Dec 08, 2016 - 09:29 PM (IST)

नई दिल्ली: नोटबंदी के कारण नकदी की कमी से जूझ रहे कई दूतावासों और उच्चायोगों की आेर से जताए गए विरोध के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने राजनयिक कोर के डीन से मिलकर उन्हें बताया कि बैंकों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि राजनयिकों को प्राथमिकता के आधार पर पैसे निकालने दिए जाएं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि डीन फ्रैंक हांस डैनेनबर्ग कैस्टेलानॉस से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने उन्हें यह भरोसा भी दिलाया कि विदेश मंत्रालय नगद निकासी की सीमा बढ़ाने की दूतावासों की बुनियादी मांग पर भी विचार करेगा और वित्त मंत्रालय के सामने इस मुद्दे को उठाएगा ।  उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं कि कौन सी समस्याएं तुरंत सुलझाई जा सकती हैं ।’’   

विदेश सचिव और डीडीसी की मुलाकात एेसे समय में हुई है जब डीन के तौर पर 157 विदेशी मिशनों की आवाज की नुमाइंदगी करने वाले कैस्टेलानॉस ने भारत सरकार द्वारा विदेशी दूतावासों के लिए पैसे निकालने की सीमा प्रति सप्ताह 50,000 रूपए तय करने के बाद कहा था कि कई देश विदेशों में भारतीय मिशनों के खिलाफ एेसे ही उपाय करने पर विचार कर रहे हैं ।  कैस्टेलानॉस ने कहा था कि यह विएना संधि का ‘‘गंभीर उल्लंघन’’ है। उन्होंने इस मसले को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने की भी मांग की थी।  

नई दिल्ली स्थित रूस दूतावास सहित कई अन्य विदेशी मिशनों ने नगद निकासी पर लगाई गई सीमा को लेकर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की है और अपने देशों में तैनात भारतीय राजनयिकों के खिलाफ एेसी ही जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी है। रूसी राजदूत अलेक्जेंडर काडाकिन ने सार्वजनिक तौर पर अपना विरोध दर्ज कराया था। नोटबंदी के बाद की दिक्कतों के सिलसिले में कुछ दूतावासों द्वारा मंत्रालय में की गई शिकायत का जिक्र करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘‘विदेश सचिव ने आज राजनयिक कोर के डीन (डीन ऑफ डिप्लोमेटिक कॉप्र्स) से मुलाकात की है। विदेशी मिशनों की आेर से उठाए गए मुद्दों और उन्हें सुलझाने पर उनकी विस्तृत चर्चा हुई और हमने पूरी हमदर्दी के साथ उन्हें सुना ।’’  

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