विदेशी दूतावासों और राजदूतों ने लता के निधन पर शोक जताया, कहा- उनकी विरासत सदैव कायम रहेगी

Sunday, Feb 06, 2022 - 08:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विभिन्न देशों के राजदूतों और दूतावासों ने रविवार को महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनके गीत हर पीढ़ी के संगीत प्रेमियों के दिलों में सदा रहेंगे। लता के शरीर के कई अंगों के काम नहीं करने पर उनका रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। नयी दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘हम भारत के साथ महान गायिका लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनका आज 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

इतिहास भारतीय संगीत में उनके योगदान को स्वर्णाक्षरों में दर्ज करेगा।" ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि 'भारत की स्वर कोकिला' लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए वह भारत और दुनियाभर के भारतीयों के साथ है, उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर लिंडनर ने मंगेशकर की तारीफ करते हुए उन्हें 'भारत की स्वर कोकिला' और असाधारण गायिका करार दिया। लिंडनर ने ट्वीट किया, ‘‘उनकी आवाज की कोई जगह नहीं ले सकता। वह सात दशकों से संगीत की एक संस्था रहीं! बहुत दुखद खबर... उनकी विरासत सदैव कायम रहेगी।"

भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा, ‘‘भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से गहरा दुख हुआ। वह अपने आप में एक संस्था थीं। उन्हें उनके अतुलनीय गायन करियर की मान्यता में ऑफिसर डे ला लेजियन डी'होनूर' से सम्मानित किया गया।'' भारतीय सिनेमा की महान पार्श्व गायिकाओं में शामिल मंगेशकर ने वर्ष 1942 में 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 25,000 से अधिक गीत गाए। गायन के अपने सात दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान उन्होंने ‘अजीब दास्तां है ये',‘प्यार किया तो डरना क्या'और ‘नीला असमन सो गया' सहित कई यादगार गीत गाए हैं। भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित लता को विदेशों में भी सम्मानित किया गया था। 

 

 

rajesh kumar

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