दूर देश से आए मेहमान: पहली बार गंगा के पानी में दिखे विदेशी पक्षी

Friday, May 08, 2020 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आम तौर पर अर्कटिक क्षेत्र के समुद्र तटों पर रहने और प्रवास के लिए विभिन्न समुद्री तटों पर जाने वाले ‘ग्रे प्लॉवर' पहली बार इस साल गंगा के पानी पर अठखेलियाँ करते हुये देखे गये। करीब 11-12 इंच लंबा और 200-250 ग्राम वजन वाला यह पक्षी अर्कटिक द्वीप और अलास्का, कनाडा तथा रूस के तटीय क्षेत्रों में रहता है। 

 

जब इन इलाकों में ठंड काफी बढ़ जाती है तो यह दुनिया के कई अपेक्षाकृत गर्म देशों के समुद्र तटों पर प्रवास के लिए आते हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु के तटों पर काफिले में इन पक्षियों का आना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन भीतरी मैदानी क्षेत्र में तट से दूर इन्हें पहली बार ठहराव करते हुये देखा गया है। बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी में बने विक्रमशिला डॉल्फिन अभयारण्य में इन्हें इस साल मार्च में देखा गया था। 

 

भागलपुर के जिला वन अधिकारी एस. सुधाकर ने बताया कि आम तौर पर ग्रे प्लॉवर दक्षिणी राज्यों में आते हैं। भारत में ये रूस से आते हैं। ये तटीय इलाकों में कुछ दिन प्रवास करते हैं और फिर वापस लौट जाते हैं। यह पहली बार है जब देश के भीतरी इलाकों में इन्हें देखा गया है। विक्रमशिला डॉल्फिन अभयारण्य में 06 मार्च को इन्हें देखा गया। संभवत: ये अपने प्रवास स्थान की ओर जाते समय रास्ते में यहाँ रुके थे। 

 

दुनिया में 11 हजार से अधिक पक्षियों की अब तक पहचान की गयी है जिनमें ग्रे प्लॉवर की तरह ही करीब 1,800 पक्षी कुछ समय के लिए प्रवास पर अपने मूल स्थान से दूर जाते हैं यानी प्रवासी पक्षी है। दुनिया के कई शहरों में कारों की आवाज से अधिक पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दे रही है। कई पक्षी जलक्षेत्रों, जंगलों और यहाँ तक कि हमारे बगीचों में भी दुबारा दिखाई दे रहे हैं। यह दिखाता है कि प्रकृति का चक्र नियमित रूप से जारी है। अंतर यह कि अब हम उसे सुन रहे हैं।
 

vasudha

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