चारा घोटालाः 900 करोड़ के पार ऐसे पहुंचा था घोटाला

Sunday, Dec 24, 2017 - 11:10 AM (IST)

नेशनल डैस्कः चारा घोटाले का मामला 1-2 करोड़ रुपए से शुरू होकर 900 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा। हालांकि कोई पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि घोटाला कितने का है क्योंकि इन वर्षों में हिसाब रखने में भी भारी गड़बडिय़ां हुई थीं। इस घोटाले का खुलासा 1994 में हुआ था तब झारखंड बिहार से अलग नहीं हुआ था। बिहार पुलिस ने 1994 में गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा जैसे कई ट्रेजरी से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपए गैर-कानूनी तरीके से निकालने के मामले दर्ज किए थे। सरकारी ट्रेजरी और पशुपालन विभाग के कई कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे। कई ठेकेदारों और सप्लायर्स को हिरासत में लिया गया और 10-12 केस दर्ज किए गए थे।

स्कूटर पर ढोए 10 से 12 बैल
घोटालेबाजों ने चारे के अलावा पशुओं को ढोने से लेकर दवा खरीद तक हर काम के फर्जी बिल बनाए। कागजों में 100-120 क्विंटल चारा और 10-12 बैलों को स्कूटर पर लादकर एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाना दिखाया।

न चारा खरीदा, न उसे फार्म हाऊस पहुंचाया
सी.बी.आई. की जांच में पता चला कि न तो चारे की खरीद हुई थी और न ही उसे फार्म हाऊस तक पहुंचाया गया था। सब काम कागजों पर कर लिया गया था।

सबका हिस्सा था फिक्स
इस मामले में आरोप था कि घोटालेबाजों के रैकेट से पशुपालन विभाग के अधिकारी व ट्रेजरी आफिसर से लेकर सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री तक जुड़े थे। ट्रेजरी से निकलने वाले पैसे में सभी का हिस्सा पहले से तय होता था।

इसी घोटाले के चलते राबड़ी किचन से निकलकर बनी थी सी.एम.
1997 में इसी घोटाले ने लालू प्रसाद यादव की सी.एम. पद की कुर्सी छीन ली थी और इसके बाद ही राबड़ी किचन से निकलकर सी.एम. की कुर्सी तक पहुंची थीं।

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