कश्मीर में टला बाढ़ का खतरा, नीचे आया नदियों का जलस्तर

Monday, Jul 02, 2018 - 09:54 AM (IST)

श्रीनगर : मौसम में आंशिक सुधार के साथ अधिकांश इलाकों में बारिश थमने पर  घाटी में बाढ़ का खतरा फिलहाल टलता नजर आया। झेलम समेत सभी दरिया का जलस्तर लगातार घट रहा है। गौरतलब है कि कश्मीर में बीते तीन दिन से लगातार बारिश के बाद यहां बाढ़ के खतरे का अलर्ट जारी कर दिया गया था। हालांकि, रविवार को घाटी के अधिकांश हिस्सों में बारिश बंद हो गई। लेकिन कुछेक इलाकों में दोपहर को पुनरू रुक-रुक कर बारिश होने लगी। मौसम में इस आंशिक सुधार का असर नदी-नालों के जलस्तर पर भी नजर आया। हालांकि झेलम समेत सभी दरिया देर शाम गए तक खतरे के निशान से ऊपर ही बह रहे थे, लेकिन जलस्तर लगातार घट रहा था।


कश्मीर में बाढ़ नियंत्रण एवं सिचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जलस्तर बेशक खतरे के निशान से ऊपर है। लेकिन बाढ़ का खतरा टल रहा है। सभी नदी नालों के तटबंधों की निगरानी की जा रही है ताकि किसी जगह वह टूटें नहीं। हालांकि अधिकारी ने कहा कि विभाग के कर्मचारियों को तब तक हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है जब तक कि कुछ स्थानों पर नदी, नालों की मेड़ों में हुई टूट-फूट की मरम्मत नहीं हो जाती। हालांकि, मौसम में सुधार के बावजूद घाटी में कई स्थानों पर पानी भरे होने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

2014 में भी ऐसी ही आई थी बाढ़
उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में कई गांव अब भी जलमग्न हैं। प्रशासन का कहना है अगले दो-तीन दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी। इसी बीच, मौसम विभाग ने मंगलवार तक घाटी में मौसम सामान्य रहने की संभावना जताई है। साथ ही प्रशासन ने निचले इलाकों और पर्वतीय धाराओं से सटे इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और जल स्रोतों के समीप नहीं जाने को कहा गया है।  घाटी के सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन स्थापित कर दिया गया है। इन जगहों पर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट व्यक्तिगत तौर पर राहत और बचाव तैयारियों में जुट गए हैं। कश्मीर में लगातार हो रही बारिश से वहां रह रहे निवासी सहम गए हैं। बता दें कि साल 2014 में भी ऐसी ही बाढ़ आई थी जिसके कारण पूरे कश्मीर में त्राही मच गई थी और बेहद गंभीर हालात पैदा हो गए थे। 

Punjab Kesari

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