मध्यप्रदेश में बाढ़ जैसे हालात, सीएम ने बुलाई आपात बैठक

Saturday, Jul 09, 2016 - 10:08 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश में बारिश लगातार अपना कहर बरपा रही है। लगातार बारिश होने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सूबे में बारिश  के मारे हाहाकार मचा हुआ है। बारिश की वजह से अलग-अलग घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा खजूरी इलाके की एक गौशाला में एक दर्जन से अधिक गायों की मरने की सूचना है। प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित 23 इलाकों में लगातार भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। इस संदर्भ में प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार सुबह 11 बजे मध्यप्रदेश में भारी बारिश से बने बाढ़ के हालात को देखते हुए आपात बैठक बुलाई है। लगातार बारिश से नर्मदा पार्वती चंबल सहित अन्य नदियां उफान पर हैं। भोपाल में कल शाम से आज शाम तक लगभग 12 इंच पानी बरसा है। इसके अलावा शहर के कई इलाकों में चार से छह फिट पानी भी भर गया है। कुछ इलाकों में नाव से लोगों को बाहर निकाला गया है।
 
बाढ़ प्रभावितों से मिले सीएम चौहान
मुख्यमंत्री ने किया स्थानिय दौरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शाम को बाढ़ से प्रभावित महामाई का बाग, जाटखेड़ी, द्वारका नगर आदि स्थानों का दौरा किया। उनके साथ सहकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग और सांसद आलोक संजर भी थे। चौहान प्रभावितों से मिले और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी निर्देश भी दिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव भी पुष्पा नगर, सेमरा आदि स्थानों पर पहुंच कर प्रभावितों से मिले। 
 
नदियां भी हैं उफान पर
भारी बारिश से प्रदेश में बहने वाली नदियां व नाले उफान पर हैं। नर्मदा, पार्वती, चंबल, केन, तवा, तमस और सुनार नदियां उफान पर हैं। इन नदियों में उफान के चले कई जगह रास्ते जाम हो गए हैं। जगह-जगह सड़कों में कटाव आने से लोग यहांं-तहां फंसे हुए हैं। प्रदेश में बारिश का सबसे ज्यादा असर सतना में देखने को मिल रहा है, जिले के निचले इलकों में पानी घुसने से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बाढ़ की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। अधिकांश बस्तियों में पानी भर गया है। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सतना में पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। आलम यह है कि बस्तियों और गांव में नाव चल रही हैं और मदद के लिए सेना भी बुलाई गई है। 
 
इन इलाकों में भरा पानी
बारिश के कहर से राज्य के निचले इलाकों में पानी भर गया है कुछ इलाके तो इस हद तक प्रभावित हो गए जहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। महामाई का बाग, द्वारका नगर, जाटखेड़ी, पुष्पानगर, शारदा नगर, डीआईजी बंगला, अशोक गार्डन, अंत्योदय नगर, बाग दिलकुशा, गांधी कॉलोनी, टीला जमालपुरा, वसुंधरा कॉलोनी, अयोध्या नगर, अवधपुरी, विद्यानगर, अरेरा कॉलोनी, एमपी नगर, शाहपुरा, कोलार, मिसरोद, अमराई, बाग सेवनिया, लहारपुर, कटारा क्षेत्र सहित शहर के अधिकतर हिस्सों से पानी भरने की सूचना प्राप्त हुई है। 
 
पन्ना में ढहे करोड़ों के बांध
वहीं मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में बारिश के पानी को सहेजने के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर बनाए गए बांध पहली ही बारिश में बह गए। इनमें से एक सेरोह बांध इटवा गांव में 27 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। दूसरा बांध बिलपुरा गांव में 11 करोड़ की लागत से बनाया गया था। दोनों बांध जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे। पहली ही बारिश में बांंध के बह जाना भी सरकार पर सवाल खड़ा करता है। कहा जा रहा है कि घटिया निर्माण की वजह से ये बांध पहली ही बारिश में बह गए, जिन इलाकों में ये बांध बनाए गए थे उनके आसपास बाढ़ के हालात हैं। इन बांधों से निकले पानी से जगह-जगह कटाव आ गए और आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। 
 
अन्य जिलों में भी हाल-बेहाल
सतना, पन्ना दामोह के अलावा बारिश का क्रम मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी जारी है। रीवा में भारी बारिश और तबाही के बाद शुक्रवार देर शाम से शनिवार सुबह तक भोपाल, रायसेन, पचमढ़ी, होशंगाबाद, इटारसी में मूसलाधार बारिश जारी है। कल पचमढ़ी में सुबह से शाम तक हुई बारिश में सात इंच पानी गिर गया। उधर, मुरैना जिले में चंबल नदी में तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। जबकि दमोह, मंडला और सिवनी में भी दो महिलाओं सहित तीन की ऐसे ही हादसों में जान चली जाने की खबर है। 
 
सैकड़ों गांव कराए खाली
मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी होने से एहतियात के तौर पर सैकड़ों गांव खाली करा लिए गए हैं। इस वजह से कई इलाकों में लोगों को खाने की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। नरसिंहपुर, होशंगाबाद समेत कई इलाकों में बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया। कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गई हैं। 
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