Fixed Deposit: FD पर अब मिलेगें ज्यादा रिटर्न, जानिए कैसे बढ़ाएं अपनी इन्वेस्टमेंट की कमाई

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2024 - 02:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए निवेश एक महत्वपूर्ण कदम होता है। भारतीय निवेशक आमतौर पर विभिन्न निवेश विकल्पों की तलाश में रहते हैं, जैसे कि शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)। हाल के दिनों में, एफडी को एक सुरक्षित और आकर्षक विकल्प माना जा रहा है, खासकर जब बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। लेकिन अब, एफडी पर अधिक रिटर्न प्राप्त करने के लिए एक नई रणनीति, जिसे एफडी लैडरिंग कहा जाता है, का उपयोग किया जा रहा है। आइए जानते हैं एफडी लैडरिंग के बारे में विस्तृत जानकारी और इसके लाभों के बारे में।

एफडी लैडरिंग क्या है?
एफडी लैडरिंग एक निवेश रणनीति है जिसमें आपकी कुल राशि को विभिन्न मैच्योरिटी डेट्स वाली कई एफडी में विभाजित किया जाता है। यह एक तरह की सीढ़ी तैयार करता है, जिसमें प्रत्येक एफडी की मैच्योरिटी डेट अलग होती है। इस तरह से, आप नियमित अंतराल पर मैच्योर होने वाली एफडी के माध्यम से रिटर्न प्राप्त करते हैं और साथ ही हर समय कुछ राशि आपके पास उपलब्ध रहती है। इस स्ट्रेटेजी का मुख्य उद्देश्य है कि निवेशक को लगातार फंड मिलता रहे और वह उच्च ब्याज दरों का लाभ उठा सके।

एफडी लैडरिंग के लाभ
1. बढ़ी हुई लिक्विडिटी: एफडी लैडरिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपके फंड की लिक्विडिटी को बढ़ा देती है। जब आपकी एफडी अलग-अलग समय पर मैच्योर होती हैं, तो आपके पास नियमित रूप से फंड उपलब्ध रहते हैं। यह विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब आपको अचानक पैसे की जरूरत होती है। इसके अलावा, आप मैच्योर होने वाली राशि का उपयोग नए निवेश के रूप में भी कर सकते हैं, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति और मजबूत होती है।
2. ब्याज दर का लाभ: एफडी लैडरिंग की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह आपको ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने का अवसर देती है। यदि भविष्य में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आप अपनी नई एफडी में उच्च ब्याज दर का लाभ उठा सकते हैं। इसके विपरीत, अगर ब्याज दरें घटती हैं, तो आपकी पहले की एफडी पर अधिक ब्याज मिलना जारी रहता है, जिससे आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
3. रेगुलर इनकम सोर्स: एफडी लैडरिंग के जरिए आप नियमित अंतराल पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप अलग-अलग मैच्योरिटी डेट्स वाली एफडी में निवेश करते हैं, तो आपको अलग-अलग समय पर ब्याज प्राप्त होता रहेगा। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बिना किसी जोखिम के नियमित आय चाहते हैं। इसके अलावा, यह बुजुर्गों और पेंशनर्स के लिए भी एक अच्छा विकल्प है जो नियमित रूप से अपनी आय सुनिश्चित करना चाहते हैं।
4. आसान प्रबंधन: एफडी लैडरिंग को स्थापित करना और प्रबंधित करना आसान है। एक बार जब आप अपनी एफडी को सही तरीके से सेट कर लेते हैं, तो यह स्वतः ही काम करती रहती है और आपको बार-बार निगरानी की आवश्यकता नहीं होती। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता बनी रहती है और आप अपने निवेश पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। 

एफडी लैडरिंग को लागू कैसे करें?
एफडी लैडरिंग को लागू करने के लिए, आपको अपनी कुल राशि को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित करना होगा और प्रत्येक हिस्से को विभिन्न मैच्योरिटी डेट्स वाली एफडी में निवेश करना होगा। उदाहरण के लिए, आप अपनी राशि को 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की एफडी में निवेश कर सकते हैं। इस प्रकार, आपकी एफडी समय-समय पर मैच्योर होती रहेंगी और आपको नियमित रूप से फंड और ब्याज प्राप्त होगा।

एफडी लैडरिंग का क्या उपयोग
मान लीजिए, आपके पास 10 लाख रुपये हैं और आप एफडी लैडरिंग का उपयोग करना चाहते हैं। आप इस राशि को 1 लाख रुपये के 10 हिस्सों में विभाजित कर सकते हैं और प्रत्येक हिस्से को 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की एफडी में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको हर साल कुछ एफडी मैच्योर होती मिलेंगी, और आप अपने फंड को समय पर प्राप्त कर सकेंगे। एफडी लैडरिंग एक प्रभावी रणनीति है जो आपको अधिक रिटर्न प्राप्त करने, लिक्विडिटी बढ़ाने और नियमित आय सुनिश्चित करने में मदद करती है। यह एक आसान और स्थिर तरीका है जो आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। अगर आप निवेश की सुरक्षा और स्थिरता चाहते हैं, तो एफडी लैडरिंग पर विचार करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mahima

Related News