पश्चिम बंगाल चुनाव में चला फाइव 'M' फैक्टर का जादू, जानिए कैसे बदल गई तस्वीर

Sunday, May 02, 2021 - 03:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों की मतगणना शुरू होने और दोपहर के बाद भारी रूझान तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में आने के बीच पार्टी समर्थकों ने जश्न मनाना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनावों का हालांकि एक भी नतीजा अभी सामने नहीं आया है लेकिन तृणमूल समर्थक गलियों में आकर एक दूसरे पर हरे रंग का गुलाल लगा रहे हैं और खुशियों से झूमते नजर आ रहे हैं। वहीं बंगाल की जो तस्वीर लोगों ने सोची थी उससे उलट नतीजे सामने आए हैं। भाजपा 100 का भी आंकड़ा पार नहीं क पाई। वहीं TMC को भारी बहुमत मिलता नजर आ रहा है। बंगाल में फाइव M का जादू चल गया और इसने चुनावी तस्वीर ही बदल कर रख दी। ये फाइव M है- ममता, मोदी, महिला, मुस्लिम और मतुआ वोटर। चार M- ममता, महिला, मुस्लिम और मतुआ वोटर ने TMC की जीत पक्की तो वहीं भाजपा के एक M ने बंगाल में अपना जलवा दिखाया और पार्टी की सीटें बढ़ाईं। 

मतुआ जाति 
पश्चिम बंगाल में मतुआ वोटर का काफी असर रहा। दरअसल बंगाल में मातुआ जाति के तकरीबन 30 लाख लोग रहते हैं। बांग्लादेश सीमा से सटे नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना की चार लोकसभा सीटों और तकरीबन 30 से 40 विधानसभा सीटों के नतीजों को इस समुदाया के लोग प्रभावित करते हैं।मतुआ बंगाल की अनुसूचुत जाति कू आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा है। यह समुदाय साल 1950 से ही पहले पूर्वी पाकिस्तान और अब बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल में पलायन कर रहा था। भाजपा ने इन लोगों को साधने की कोशिश की। भाजपा ने वादा किया था कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो इन समुदाय को CAA और NRC से अलग रखा जाएगा लेकिन नतीजों को देखकर लग रहा है कि इस समुदाय के लोगों ने भाजपा को नकार दिया।

 

ममता बनर्जी
ममता बनर्जी अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रहीं। ममता ने बंगाल में मोदी और शाह के लिए इतनी लंबी लकीर खींच दी कि वो इसे पार नहीं कर पाए। ममता बनर्जी का खेला होवे से साबित हो गया कि वो बंगाल की चुनावी तस्वीर बदलने में सफल साबित हुई। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी के पैर पर लगी चोट भी कहीं न कहीं लोगों के दिल को लगी और यहां इमोशनल कार्ड चल ही गया। 

 

महिलाएं
ममता बनर्जी की तरफ से महिलाओं ने कमान संभाली थी। राली हो या रोड शो ममता के साथ महिलाएं हर मोर्चे पर डटी रहीं। यहां यह कहना गलत न होगा कि वूमन पावर ने अपना कमाल दिखाया। TMC की महिला कार्यकर्त्ताओं ने जी-जान से बंगाल में ममता के लिए प्रचार किया और आज इसका असर दिखा भी है। 

मुस्लिम मतदाता
बंगाल में बीते एक दशक से मुस्लिम मतदाता ममता के साथ रहे हैं लेकिन इस बार उन्होंने दीदी को फुल सपोर्ट दिया। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी इस बार खासा दम नहीं दिखा पाई। लोगों ने एआईएमआईएम को चुनाव में करारा जवाब दिया है। 

मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में ताबतोड़ रैलियां की। इसे पीएम मोदी का जलवा ही कहेंगे कि जिस भाजपा को लोकसभा में सिर्फ तीन सीटों से संतुष्ट होना पड़ा था उसी भाजपा को विधानसभा में 80 से ज्यादा सीटें मिली हैं। भले ही भाजपा 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई लेकिन कुछ हद तक ममता को नुकसान पहुंचाने में सफल रही। पीएम मोदी ने बंगाल में कमल खिलाने के लिए पूरा जोर लगाया। बंगाल के लोगों को पीएम मोदी तो पंसद थे लेकिन भाजपा उम्मीदवार शायद बंगालियों का दिल नहीं जीत पाए। अगर भाजपा को 80 से ज्यादा सीटें मिली हैं तो यह मोदी के कारण ही हैं।

Seema Sharma

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