महिलाएं चिल्ला रही थीं, ...हमें बचा लो ...हमें बचा लो, कोई कुछ नहीं कर पाया

Tuesday, Nov 20, 2018 - 12:36 PM (IST)

नई दिल्ली: दोपहर में प्रेस लगा सोचा था कि काम कर लिया जाए, लेकिन क्या पता था कि यही प्रेस उनकी मौत का कारण बनेगी। एक शार्ट सर्किट से निकली चिंगारी केमिकल पर जैसे ही पड़ी तो आग तेजी से फैली और इसने सभी को अपनी आगोश में ले लिया। लगी आग में दो लोगों का दम घुट गया, लेकिन दो महिलाएं जो अपने को बचाने के लिए  चिल्लाने लगीं, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि किसी ने अंदर जाने की जमहत नहीं उठाई। फायर ब्रिगेड भी पहुंची, लेकिन रास्ता इतना संकरा था कि फायर ब्रिगेड समय रहते आग वाले हिस्से में नहीं पहुंच पाई। इसी का नतीजा रहा कि 4 लोग जिंदा जल गए।

अचानक फैक्ट्री से आने लगी चीखने-चिल्लाने की आवाजें 
परमानंद ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 12.10 बजे थे, अचानक अजय खुराना की फैक्ट्री से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आईं। बाहर निकले तो आशा और आरती दोनों जोर-जोर से आवाज लगा रही थीं कोई हमें बचा लो...आग लग गई। लेकिन आग से जबरदस्त लपटें और धुआं निकल रहा था। केवल आवाजें सुनाई दे रही थीं, दिखाई कोई नहीं दे रहा था। मैं दौड़कर मकान की छत पर गया। वहां से संजीव के मकान की छत पर जाकर लोहे का गेट तोडऩे की कोशिश की, लेकिन तोड़ नहीं पाया। इसके बाद गली के लोगों को जगाया। इस बीच आग की लपटें बराबर के मकान तक आ गईं और उसके मकान के पीछे के दरवाजे और खिड़कियां जल गईं। तेज धुएं, लपटों और मकान के चारों तरफ से बंद होने के कारण कोई मदद के लिए आगे नहीं बढ़ पाया। इस बीच पहली मंजिल पर लगी ग्रिल पर अचानक आशा जलती हुई पहुंची और खुद को बचाने की भीख मांगने लगी। बेबस लोग बस उस को जलते हुए देख रहे थे।

शुक्र था कि बाकी लोग लंच पर गए थे
आसपास के लोगों की मानें तो पिछले करीब 15-20 सालों से अजय खुराना की यहां फैक्ट्री थी। यहां भगन, राम नरेश, आशा, आरती और अजीत के अलावा कृष्णा और पूजा नामक महिलाएं भी काम करती थीं। हादसे के समय कृष्णा और पूजा इत्तेफाक से लंच करने बराबर वाली फैक्ट्री में चली गई थीं। 

दो भाइयों की है फैक्ट्री
गली नंबर-114/44 बीडनपुरा, करोल बाग में पहली मंजिल पर पश्चिम विहार निवासी अजय खुराना और उसके भाई मोनू की है। इस बिल्डिंग के तीन तल किराए पर ले रखे हैं, जहां ग्राउंड, पहली और दूसरी मंजिल पर काम होता है। अक्सर सुबह मोनू ही इस फैक्ट्री को खोलता है। करीब 36 गज में फैली इस इमारत को पांच मंजिल ऊपर चढ़ा दिया गया है।

Anil dev

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