गेटवे ऑफ इंडिया पर 'Free Kashmir' का पोस्टर लहराने वाली लड़की के खिलाफ FIR

Tuesday, Jan 07, 2020 - 08:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को प्रदर्शन के दौरान ‘Free Kashmir’ का पोस्टर लहराने वाली लड़की के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। महक मिर्जा प्रभु ने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) हिंसा के विरोध में सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन के दौरान ‘Free Kashmir’ का पोस्टर लहराया था।

महक मिर्जा के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में धारा 153बी के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने अभी तक इस मामले में महक मिर्जा प्रभु से पूछताछ नहीं की है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत केस दर्ज किया गया है। उन पर राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने का आरोप है। पुलिस ने बयान देने के लिए उन्हें अब तक तलब नहीं किया है।

पुलिस महक मिर्जा से कर रही संपर्क
पुलिस महक मिर्जा से बातचीत करने की कोशिश कर रही है। पुलिस इस मामले में महक का बयान दर्ज करेगी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि प्रदर्शन के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियोज की भी जांच की जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टर पर कड़ी आपत्ति जताई थी और इस मामले में तत्काल जांच की मांग की थी। बीजेपी ने शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) और कांग्रेस की मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।

महक ने दी सफाई
महक का बचाव करते हुए शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने कहा था कि ऐसा भी हो सकता है कि महक ने पिछले कई महीनों से घाटी में इंटरनेट और मोबाइल बंद करने से आजादी मांगी हो।

इस मामले पर जैसे ही विवाद बढ़ा महक मिर्ज़ा प्रभु ने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि प्लेकार्ड केवल कश्मीर में तालाबंदी के विरोध में था। इसके अलावा कोई और मंशा उनकी नहीं थी। महक ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी करके विवाद पर सफाई दी है।

महक ने कहा है कि वह पेशे से एक लेखिका हैं। वह कश्मीर से नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र की ही रहने वाली हैं। महक का कहना है कि उनके पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ है, इससे उन्हें झटका लगा है। इसके पीछे कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था। महक का कहना है कि उनके पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ है, इससे उन्हें झटका लगा है। इसके पीछे कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था।

 

Yaspal

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