कालेधन पर 'यूपीए' सरकार की रिपोर्ट खंगाल रही मोदी सरकार

Wednesday, Sep 20, 2017 - 06:48 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश और विदेश में भारतीयों के कालेधन पर तैयार 3 रिपोर्ट्स की समीक्षा कर रहा है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में इन रिपोर्ट्स को तैयार किया गया था और इन्हें 3 साल पहले सौंपा जा चुका है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इन रिपोर्ट्स के निष्कर्षों को आरटीआई कानून के तहत खुलासे से छूट है और अभी उनकी समीक्षा की जा रही है। 

हालांकि अभी इन रिपोर्ट्स को संसद के पास नहीं भेजा गया है। दिल्ली के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (NIPFP), नैशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के अलावा फरीदाबाद के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फाइनैंशयल मैनेजमेंट (NIFM) ने रिपोर्ट्स तैयार की हैं।

NIPFP, NCAER और NIFM की रिपोर्ट्स सरकार को क्रमश: 30 दिसंबर, 2013, 18 जुलाई, 2014 और 21 अगस्त, 2014 को सौंपी गई। मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार मई 2014 में सत्ता में आई थी। वित्त मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8 (1) (सी) के तहत इस सूचना का खुलासा न करने की छूट है। तीनों संस्थानों से मिली रिपोर्ट्स की सरकार समीक्षा कर रही है। इन रिपोटर्स को सरकार के जवाब के साथ अभी तक वित्त पर स्थाई समिति के जरिए संसद में नहीं रखा गया है।

ये रिपोर्ट्स संसद की वित्त पर स्थायी समिति को पहले ही सौंपी जा चुकी हैं। अभी तक देश और विदेश में कालेधन के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। अमेरिकी शोध संस्थान ग्लोबल फाइनैंशयल इंटिग्रिटी (GFI) के हालिया अध्ययन के अनुसार 2005 से 2014 के दौरान भारत में 770 अरब डॉलर का कालाधन आया। वहीं इस अवधि में देश से बाहर 165 अरब डॉलर का कालाधन गया।

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