Feeding pigeons: पब्लिक प्लेस पर कबूतरों को दाना डाला तो दर्ज होगी FIR: हाई कोर्ट का आदेश

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 07:39 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालना अब सिर्फ एक धार्मिक या परंपरागत गतिविधि नहीं रही, बल्कि यह अब एक गंभीर कानूनी मुद्दा बन गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दाना डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। कोर्ट ने इसे न सिर्फ आमजन के लिए असुविधाजनक बताया, बल्कि इसे स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक माना है।

क्या है पूरा मामला?
एक पशु प्रेमी संगठन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ – न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर – ने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। अदालत ने कहा कि मुंबई जैसे घनी आबादी वाले महानगर में कबूतरों को इस तरह बेतरतीब दाना डालना जनस्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुका है। इससे खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों पर बुरा असर पड़ सकता है।

क्या है कोर्ट की आपत्ति?
कोर्ट ने इस मुद्दे को एक ‘पब्लिक न्यूसेन्स’ यानी सार्वजनिक उपद्रव करार दिया है। न्यायालय के अनुसार, कबूतरों के झुंडों के कारण न केवल सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैल रही है, बल्कि उनके मल से हवा में बैक्टीरिया और बीमारियां भी फैल रही हैं। इससे विशेष रूप से अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

BMC को मिला निर्देश
कोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि शहर में कोई भी व्यक्ति बिना अधिकृत अनुमति के कबूतरों को दाना न डाले। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करते पाया जाता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि BMC को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल
इससे पहले कोर्ट ने BMC को कुछ पुराने कबूतरखानों को तोड़ने पर अस्थायी रोक लगाई थी, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि यह रोक कबूतरों को दाना डालने की अनुमति नहीं मानी जाए। अब जब देखा गया कि लोग अब भी नियमों को अनदेखा कर खुलेआम दाना डाल रहे हैं, तो कोर्ट ने सख्त कार्रवाई का रास्ता चुना।

  


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Content Writer

Anu Malhotra

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