दक्षिण कश्मीर में हमलों के बाद डर से भूमिगत हुए राजनीतिक कार्यकर्ता

Wednesday, Apr 26, 2017 - 09:37 PM (IST)

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर में आतंकी हमलों और धमकियों के बाद मुख्यधारा पार्टियों के कई नेता और कार्यकर्ता भूमिगत हो गए हैं। पिछले 10 दिनों से पुलवामा और शोपियां जिलों में नैकां और पी.डी.पी. से जुड़े कम से कम तीन लोगों की हत्या की गई है। गत 15 अप्रैल को पुलवामा जिला के राजपुरा इलाके में आतंकियों ने पी.डी.पी. के एक कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी। हमले में एक अन्य कार्यकर्ता भी घायल हो गया था। अगले दिन शोपियां जिला में नैकां से जुड़े एक वकील की हत्या कर दी गई।


गत सोमवार को पुलवामा में पी.डी.पी. के जिला अध्यक्ष अब्दुल गनी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इससे पहले आतंकी कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के घरों में घुस गए और उनको राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की धमकी दी। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो गए जिनके अनुसार मुख्यधारा राजनीतिक पार्टियों के कुछ कार्यकर्ताओं को माफी मांगते और खुद को मुख्यधारा पार्टियों से नाता तोड़ते देखा गया।


सूत्रों के अनुसार इन घटनाओं से राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच दहशत पैदा हो गई हैं और सैंकडों कार्यकर्ता भूमिगत हो गए हैं। कई कार्यकर्ताओं ने मस्जिदों में सार्वजनिक रुप से माफी मांग कर मुख्यधारा पार्टियों से नाता तोडऩे की घोषणा की है। पुलवामा जिला के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हत्याओं और धमकियों से समूचे दक्षिण कश्मीर में मुख्यधारा पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच दहशत पैदा हो गई हैं। वह पिछले कई दिनों से उसके रिश्तेदार के यहां रह रहा है। उसका परिवार उसकी सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं क्योंकि राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याओं ने दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।

नेताओं में भी है डर
शोपियां के एक मुख्यधारा नेता ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ता उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। पिछले तीन सप्ताहों से उसने सिर्फ पांच रातें उसके घर में बिताई हैं। नेता जो एक महीने पहले सक्रिय रुप से पार्टी गतिविधियों में भाग ले रहा था, ने कहा कि शेष समय उसने उसके दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ बिताया है। भाजपा के कुछ कार्यकर्ता भी पिछले दो सप्ताहों से भूमिगत हो गया है। हाल ही में शोपियां जिला के राइकापरन इलाके में पी.डी.पी. के एक कार्यकर्ता ने मस्जिद में पार्टी से नाता तोडऩे की घोषणा की।
शोपियां में नैकां के एक कार्यकर्ता ने कहा कि सैंकडों पार्टी कार्यकर्ता भूमिगत या पुलिस स्टेशनों के पास पनाह ले रहे हैं। अभी तक सरकार मुख्यधारा पार्टियों के कार्यकर्ताओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में नाकाम रही है।

पहचान लिए गए हैं आतंकी
दक्षिण कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमलों के पीछे जो आतंकी हैं उनकी पुलिस ने पहचान कर ली हैं। अभी तक इन आतंकियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकी समूहों के अंडरग्राउंड वर्कर जो मुख्यधारा पार्टियों के कार्यकर्ताओं को धमका रहे हैं की भी पहचान कर ली गई हैं।
अधिकारी ने कहा कि जब भी उनको सूचना मिलती है कि किसी भी कार्यकर्ता को धमकी मिल रही है वह पी.एस.ओ. या सुरक्षाकर्मी के रुप में सुरक्षा प्रदान करते हैं और सुरक्षकर्मियों को उनके घरों में तैनात कर देते हैं।

 

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