अंधविश्वास: डेढ़ साल के बच्चे को पिता ने लिटाया अंगारों पर

Monday, Oct 02, 2017 - 12:23 PM (IST)

बंगलुरू: कर्नाटक के हुबली में धार्मिक रीति-रिवाजों के नाम पर एक दरगाह में माता-पिता ने अपने 18 महीने के बेटे को केले के पत्तों में लपेट कर हल्के गर्म चारकोल के बिस्तर पर लिटा दिया। अंगारों के बीच बच्चा तड़प रहा था और लोग तमाशे देख रहे थे। यह घटना धारवाड़ कल मुहर्रम के मौके पर हुई। ऐसी मान्यता है कि बच्चे की मन्नत पूरी होने के बाद उसे केले के पत्ते से लपेटकर जलते कोयले पर लिटाया जाता है। इस रिवाज में शामिल होने के देश भर से हजारों लोग आते हैं।

पुलिस ने बताया कि बच्चे के माता-पिता ने दो वर्ष पहले बच्चे के लिए कोई मन्नत मांगी थी। उनकी मन्नत पूरी होने पर वे अपने वादे को पूरा करने आए। बच्चे को चारकोल पर लिटाया गया, इसमें आग नहीं थी लेकिन यह थोड़ा गर्म जरूर था। वह केले के पत्तों में लिपटा था। पुलिस ने बताया कि इस बाबत कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है लेकिन बाल कल्याण समिति को सूचित कर उनसे अनुरोध किया गया है कि वे अभिभावकों को समझाएं।

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ गांवों में बच्चे को छत से नीचे बिस्तर फेंके जाने का रिवाज है। कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के मंत्रिमंडल ने अमानवीय रस्मों व रिवाजों को खत्म करने के लिए अंधविश्वास निरोधी विधेयक को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित ‘कर्नाटक प्रिवेंशन ऐंड इरेडिकेशन ऑफ इनह्यूमन एविल प्रैक्टिसेस ऐंड ब्लैक मैजिक बिल, 2017’ को विधानसभा के अगले सत्र में सदन में रखा जाएगा
 

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