इस बाप-बेटे की करतूत जान​ NASA के वैज्ञानिक भी रह जाएंगे हैरान

Wednesday, May 09, 2018 - 02:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में आए दिन ठगी के मामले रुकने की बजाय और बढ़ते जा रहे हैं। ठगी करने के लिए शातिर क्या कुछ नहीं करते और किस तरह से अपने दिमाग का गलत उपयोग करते हैं। ऐसी ही ए​क मामला राजधानी से सामने आया है जहां एक बाप बेटे ने नासा के नाम पर एक बिजनेसमैन से 1.43 करोड़ रूपए ठग लिए। क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से वैज्ञानिकों द्वारा पहना जाने वाला एंटी रेडिएशन शूट, केमिकल, लैपटॉप, प्रिंटर, कई देशों के लेटरहेड, फर्जी आईडी और ऑडी कार भी बरामद हुई।
 जानकारी के अनुसार बिजनसमैन नरेंद्र सैनी की कुछ साल पहले वीरेंद्र से मुला​कात हुई थी। इस दौरान वीरेंद्र ने उसे बताया कि उसकी कंपनी एक राइस पुलर मशीन तैयार कर रही है। मशीन के तैयार होने के बाद वह उसे नासा को बेचेगा। जिसके लिए उसे कुछ पैसों की जरूरत है। आरोपी ने बताया कि नासा का टेस्ट सफल होने के बाद उसे 10 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। इसके बाद नरेंद्र ने वीरेंद्र के साथ एमओयू साइन किया। आरोपियों ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान वैज्ञानिकों को स्पेशल एंटी रेडिएशन सूट पहनना होगा, उन्हें फीस देनी होगी और टेस्टिंग के लिए जरूरी कैमिकल लेने हैं। इसके लिए पीड़ित से उन लोगों ने 87.2 लाख रुपये ले लिए।

राइस पुलर की टेस्टिंग हापुड़ में होनी थी जिसे आरोपी ने बाद में यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसके लिए जगह ठीक नहीं है। पीड़ित को इस बात का यकीन दिलवाने के लिए कि उसके साथ धोखा नहीं हो रहा है आरोपी उन्हें ग्रेटर कैलाश स्थित अपने ऑफिस लेकर भी गए। इसके बाद धर्मशाला में टेस्टिंग पक्की की गई लेकिन यह कहते हुए टेस्ट करने से इनकार कर दिया कि आसमान साफ नहीं है। नरेंद्र का ठगे जाने का एहसास हुआ जिसके बाद उसने क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत दर्ज करवाई।


शिकायत मिलने के बाद डीसीपी भीष्म सिंह ही देखरेख में एसीपी आदित्य गौतम और इंस्पेक्टर सुनील जैन सहित अन्य पुलिसवालों की टीम बनाई गई  जिसके बाद आरोपी बाप बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया। जॉइंट सीपी आलोक कुमार के अनुसार दोनों ने ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के करीब 30 लोगों को ठगा। साल 1990 में वीरेंदर मोटर वर्कशॉप चलाता था और नितिन उसकी मदद करता था  लेकिन इसमें नुकसान होने के बाद उन्होंने लोगों को ठगने का काम शुरू किया। इसके लिए वह जादुई ऐनक, दो-मुंहे सांप आदि का सहारा लेते थे। लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए वह कॉपर की बॉल पर मैगनेट की कोटिंग करा लेते है। इसके लिए चावलों को खास तरह से तैयार किया जाता है और लोहे की कोटिंग कराई जाती है। कॉपर की बॉल चावलों को जब अपनी तरफ खींचती है, तो इसे देखकर लोग जाल में फंस जाते हैं।


 

vasudha

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