मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने वाले रिंग रोड के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
Friday, May 18, 2018 - 03:10 PM (IST)
श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शनिवार को उद्घाटन किए जाने वाले सेमी रिंग रोड़ के खिलाफ कई आर.टी.आई. कार्यकर्ताओं सहित प्रभावित किसानों ने श्रीनगर की प्रेस कॉलोनी में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उनकी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन किया। उन्होने रिंग रोड़ के लिए उनकी जमीन के बाजार मूल्य की तुलना में 4 बार ज्यादा मुआवजा तथा पुनर्वास दिए जाने की मांग की।
आर.टी.आई. प्रवक्ता ने कहा कि पांपोर राजमार्ग को खनदा, वाथूरा चाडूरा, बडगाम, दाहरमुना, नारबल, सुम्बल, गांदरबल इलाकों से गांदरबल के साथ जोडऩे वाले वैकल्पिक रिंग रोड़ बनाया जा रहा है। यह सेमी रिंग रोड़ परियोजना लगभग 60 किलोमीटर लंबा है जो गालंदर पांपोर से शुरु होकर मनीगाम गांदरबल में समाप्त हो गया। इसके लिए पुलवामा, बडग़ाम में बहुत कृषि भूमि, श्रीनगर, बारामुला, बांडीपुरा और गांदरबल जिलों के कुछ हिस्सों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी जो 19 मई को श्रीनगर के दौरे पर होंगे इस मेगा राजमार्ग के लिए आधारशिला रखेंगे।
बडगाम होगा सबसे ज्यादा प्रभावित
प्रथम चरण में गालंदर से नारबल परियोजना को पूरा किया जाएगा और दूसरे चरण में मनीगाम गांदरबल रोड़ लिंक को निष्पादित किया जाएगा। इस परियोजना में सबसे ज्यादा प्रभावित बडगाम जिला होगा क्योंकि 4500 कनाल भूमि को जल्द ही अधिग्रहित किया जाएगा। गांदरबल में 2341 कनाल भूमि को अधिग्रहित किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) द्वारा इस परियोजना को निष्पादित किया जाएगा और प्राधिकरण ने पहले से ही संबंधित उपायुक्तों के खातों में आवश्यक धनराशि को जमा कर दिया है।
शुरू हो गई है भुगतान प्रक्रिया
भूमि मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इस प्रतिष्ठित परियोजना की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है। प्राधिकरण द्वारा इस परियोजना को शुरु किए जाने से पहले प्रदेश सरकार और एन.एच.ए.आई. अधिकारियों द्वारा किसानों द्वारा रखे गए सुझावों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
खुश नहीं हैं किसान
जे.ए. पॉल अध्यक्ष सेमी रिंग रोड़ भूमि मालिक कल्याण एसोसिएशन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 19 मई को इस परियोजना की आधारशिला रखी जा रही है लेकिन हम भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से संतुष्ट नही हैं। किसानों और मालिकों को एन.एच.ए.आई. द्वारा अन्य राज्यों में दिए जा रहे मुआवजे की तुलना में बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। हमने पहले ही मुद्दे को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, राजस्व और वर्कस मंत्रियों के अलावा कई मंत्रियों, राज्यमंत्रियों, विधायकों और एम.एल.सी. के साथ उठाया है। सरकार को जम्मू कश्मीर में भूमि अधिग्रहण के नए संस्करण के लिए अध्यादेश जारी करना चाहिए ताकि प्रदेश के लोगों को अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान पर्याप्त मुआवजा प्राप्त हो सके।
बर्बाद हो रही है कृषि भूमि
जम्मू कश्मीर आर.टी.आई. मूवमेंट के संस्थापक डॉ राजा मुजफ्फर ने कहा कि कश्मीर घाटी ने आवासीय कॉलोनियों, शॉपिंग काम्पलेक्स, रेलवे और राजमार्गें के लिए अपनी सीमित कृषि भूमि को खो दिया है। 15 से 20 सालों के भीतर 80-90 प्रतिशत ग्रामीण भूमिहीन होंगे और दूसरी तरफ से राज्य सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान मूंगफली का भुगतान करके सरासर अन्याय कर रही है।