गुलाबी सुंडी व सफेद मक्खी से कपास की फसल को बचाने के लिए किसानों को किया जागरूक

Wednesday, Aug 03, 2022 - 01:20 PM (IST)

गुरुग्राम (विशेष): लुइस ड्रेफस कंपनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड गुडग़ांव ने कपास उगाने वाले किसानों को कपास की फसल के विभिन्न खतरों जैसे गुलाबी सुंडी (पी.बी. डब्ल्यू.), सफेद मक्खी आदि पर शिक्षित करने और बेहतर कृषि प्रथाओं के साथ खेती की लागत को कम करने के लिए एक परियोजना ‘जागृति’ शुरू की है। उत्तरी कपास उत्पादक राज्यों में इस परियोजना में 6 गांवों को गोद लिया गया है अर्थात पंजाब से बुर्ज मेहमा (बठिंडा) और निहाल खेड़ा (फाजिल्का), हरियाणा से चक्कन (सिरसा), शाम सुख (हिसार) और राजस्थान के धोलीपाल (श्री हनुमानगढ़), कोठा (श्रीगंगानगर) शामिल हैं।

27 से 31 जुलाई के दौरान गांवों में ‘गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी प्रबंधन पर जागरूकता’ विषय पर बैठकें आयोजित की गईं।  पंजाब में बैठकों की तकनीकी सलाह की अध्यक्षता डा. दिलबाग सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी बङ्क्षठडा और डा. विजय ठाकुर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने की। राजस्थान में बैठकों की तकनीकी सलाह की अध्यक्षता डा. बी.आर. बकोलिया कृषि निदेशक हनुमानगढ़ और डा. अशोक कुमार कृषि अधिकारी श्रीगंगानगर ने की। इसी तरह हरियाणा में डा. रामप्रताप सिंह कृषि के संयुक्त निदेशक और डा. अरुण यादव पौधा संरक्षण अधिकारी ने गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी प्रबंधन पर तकनीकी सलाह दी।

2000 से अधिक किसानों को 15,000 फेरोमोन ट्रैप बांटे

किसानों के खेत में फेरोमोन ट्रैप लगाने का प्रदर्शन शिवपाल सिंह, महिको मोनसेंटो बायोटैक-बायर द्वारा दिया गया है। उनकी टीम ने किसानों की बैठकें आयोजित कीं और सभी स्थानों पर फेरोमोन ट्रैप पर तकनीकी मार्गदर्शन किया। लुइस ड्रेफस कंपनी के श्री गंगाधर श्रीरामप्पा और रमनदीप सिंह ने प्रोजैक्ट जागृति के अंतर्गत कपास के गुलाबी सुंडी, सफेद मक्खी के कारण गुणवत्ता नुक्सान के कारण कीमतों से जुड़े जोखिम के बारे में बताया। गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने के लिए एल.डी.सी. से उत्तरी कपास राज्यों के 2000 से अधिक किसानों को 15,000 फेरोमोन ट्रैप वितरित किए गए हैं।

 

rajesh kumar

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