कृषि संबंधी नये कानूनों से किसानों को लाइसेंस, परमिट राज से मुक्ति मिली : रविशंकर प्रसाद

Friday, Oct 02, 2020 - 07:01 PM (IST)

पटनाः केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने शुकवार को कहा कि कृषि संबंधी नये कानूनों से किसान लाइसेंस और परमिट राज से मुक्त हो गया है और कांग्रेस सिर्फ विरोध करने के लिये इनका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य कभी समाप्त नहीं होगा, हमेशा जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों का समर्थन मूल्य भी बढ़ायेगी। प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मोदी सरकार किसानों को समर्पित सरकार है। हमारी सरकार चाहती है कि किसान बंधन मुक्त हों। '' हाल में संसद में पारित कृषि संबंधी कानूनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून किसानों के हित में हैं और पूर्व में कांग्रेस भी यही बात कह रही थी व इसका उल्लेख उसके घोषणापत्र में भी रहा है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब वह (कांग्रेस) केवल ‘‘विरोध के नाम पर विरोध कर रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने किसानों के लिए सिर्फ बात की, हमने काम करके दिखाया है। किसानों को बिचौलियों ने जकड़ रखा था, हमने उनसे मुक्त कर दिया। यहीं राजद और कांग्रेस के दुख की जड़ में है।'' रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय जनता दल पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि पार्टी बताए कि यदि कांग्रेस किसानों के हितों के खिलाफ बिचौलियों के साथ खड़ी है तो क्या राजद भी बिचौलियों के साथ खड़ी है? उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून का विरोध किसान नहीं कर रहे बल्कि राजनीतिक दलों द्वारा अपना स्वार्थ साधने के लिए विरोध किया जा रहा है।

भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने साल 2013 में कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने 12 राज्यों में फलों एवं सब्जियों को कृषि उत्पाद बाजार के दायरे से मुक्त कर दिया है। पूर्व में कांग्रेस की प्रदेश सरकारों ने अनुबंध आधारित कृषि का समर्थन किया था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा ‘‘ अब वह (कांग्रेस) केवल विरोध के नाम पर विरोध कर रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ अब नये कृषि संबंधी कानून से किसान लाइसेंस और परमिट राज से मुक्त हो गया है।'' प्रसाद ने कहा कि पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और आरा का किसान अपने माल को कहीं भी भेज सकता है। अब किसी से इजाजत की जरूरत नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ हमने नेशनल ई-मार्केट वेबसाइट बनायी औऱ पिछले चार वर्षों में 1.62 करोड़ किसान पंजीकृत हुए हैं। डिजिटल आधार एक लाख करोड़ रुपए का व्यापार किया है।''

गौरतलब है कि कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020'' और तथा “कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 तथा वस्तु अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2020 को हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान मंजूरी मिली। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून अमल में आ गए हैं। कांग्रेस सहित अनेक विपक्ष दल इन नये कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें किसान विरोधी बता रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नये कानून में विवाद निपटारे की भी उचित व्यवस्था की गई है। किसान जब चाहे तब अपने उत्पाद का मालिक खुद बन सकता है या प्रायोजक को अच्छी राशि पर बेच सकता है। प्रायोजक का कार्य किसानों की फसलों को बाजार से जोड़ने का रहेगा।

Yaspal

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