किसानों की रामलीला मैदान से संसद तक ऐतिहासिक रैली, मोदी सरकार को दिया अल्टीमेटम

Friday, Nov 30, 2018 - 03:35 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के कोने-कोने से हजारों की तादाद में आए किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को राजधानी में ऐतिहासिक रैली निकाल कर मोदी सरकार पर किसानों के साथ वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए देश वासियों को आगे आने का आह्वान किया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देश के 208 जन संगठनों से जुड़े किसानों ने रामलीला मैदान से संसद मार्च तक विशाल रैली निकाली और आसमान उनके नारों से गूंज उठा।

संसद मार्ग थाने से लेकर बाराखंभा रोड चौराहे तक हाथ में झंडे और तख्तियां लिए चारों तरफ किसान ही किसान नजर आ रहे थे। बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल से लेकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और मिजोरम एवं असम समेत 27 राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्र से आए ये गरीब किसान रामलीला मैदान से पैदल चलकर नारे लगते हुए संसद मार्ग पहुंचे। संसद मार्ग पर एक विशाल मंच बना था जिसपर देश के किसान नेताओं और विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञों ने विशाल भीड़ को संबोधित किया। 

किसानों का धरना प्रदर्शन
मंच पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता अतुल कुमार अनजान, स्वराज्य अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर, किसान मुद्दे पर लिखनेवाले मशहूर पत्रकार पी साई नाथ, डॉ. सुनीलम, समेत कई प्रमुख नेता एवं सांसद भी मौजूद थे। रामलीला मैदान से निकली यह ऐतिहासिक रैली संसद मार्ग पर एक विशाल धरना प्रदर्शन में बदल गई और वक्ताओं ने तीन घंटे तक किसानों को संबोधित किया। 
पीएम मोदी ने नहीं निभाए वादे
वक्ताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए उसे जुमलों की सरकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए जो भी वादे किए थे उसमें से एक भी वादा नहीं निभाया। बल्कि उनके साथ धोखा किया। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही और उसके कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल ही नहीं, किसानों के खाद, बीज और बिजली के भी दाम बढ़ गए और उनके कर्ज माफ नहीं किए जबकि देश में आज हर 45 मिनट पर कहीं न कहीं कोई किसान आत्महत्या कर रहा है।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक कॉर्पोरेट जगत को दस लाख करोड़ रुपए करों में छूट दी है और साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर दिए जबकि किसान अपने कर्ज न चुकाने पर जेल की सजा भुगत रहा है। वक्ताओं ने मोदी सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने एवं किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने और संसद का एक विशेष सत्र कृषि संकट पर बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगें मानने की जगह समाज में दंगे फैलाने और मंदिर मस्जिद के मुद्दे को हवा दी रही है।

Seema Sharma

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