विश्वकप में किसान की बेटी होगी टीम इंडिया की कप्तान

Wednesday, May 25, 2016 - 07:15 PM (IST)

बुंदेलखण्ड (कीर्ति राजेश चौरसिया): जहां लोग गर्भ में ही अपनी बेटी को खत्म कर देते हैं, वहीं मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के रहने वाले एक गरीब किसान की बेटी अंजलि ने अपनी हिम्मत और हौंसले से देश का मान बढ़ाया है। फ़्रांस में होने वाले इंटरनेशनल वॉटर स्पोर्ट कायाकिंग और कैनोईग वर्ल्डकप में अंजली को वशिष्ठ कप्तानी के लिए चुना गया है। 
 
जुन में होने वाले फ़्रांस वर्ल्डकप में भारत सरकार व खेल मंत्रालय के आदेश पर अंजलि को भारत की टीम की कप्तानी सौंपी गई है। 24 वर्षीय अंजलि मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के टीकमगढ़ जिले की प्रथवीपुर के छोटे से गाँव सिमरा की रहने वाली है। अंजलि के पिता गांव में खेतीबाड़ी करते है।
 
अंजलि के पिता ने बताया कि उसे बचपन से ही खेलों का शौक था वह गांव के तालाब में ही पड़ी छोटी नाव को चलाया करती थी और अन्य बच्चों के साथ रेस लगाती थी। और उसका नतीजा यह है कि अब वह देश का प्रतिनिधत्व कर रही है।
 
अंजलि वशिष्ठ "विक्रम अवार्ड" पाने वाली बुंदेलखंड की पहली और एकमात्र लड़की है। यह अवार्ड उन्हे 1 दिसंबर 2015 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा दिया गया था। अंजलि अब तक समरखंड, जर्मनी, उज़्बेकिस्तान, रशिया, मास्को, में अपना जोहर दिखा चुकी हैं। अंजली भारतीय खेल प्राधिकरण से (स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) सेंटर भोपाल में कायाकिंग कैनोईग की अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी है और इससे पहले भी 5 बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। 
 
 
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