ट्रैक्टर मार्च के नाम पर उत्पात, किसान नेता बोले-शरारत करने वाले लोग हमारे नहीं...शांति बनाए रखें

Tuesday, Jan 26, 2021 - 03:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकाला लेकिन इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर चढ़ाई कर दी। किसानों ने लाल किले पर तिरंगा उतार कर वहां पर किसानों का झंडा लगा दिया इतना ही नहीं किसानों ने कई मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की। लाल किले की प्राचीर पर आंदोलनकारियों के पहुंचने पर किसान नेताओं ने कहा कि वो लोग हमारे नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि हिंसा करने वाले लोग हमारे नहीं हैं। साथ ही योगेद्र यादव ने अपील की किसानों को जो रूट दिए गए हैं वहीं पर ट्रैक्टर रैली निकाली जाए, किसी दूसरे रास्ते पर न जाएं और हिंसा न करें।

बता दें कि इससे पहले किसानों ITO में तोड़फोड़ की और पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया। मुकरबा चौक पर किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई और हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। इसके साथ अक्षरधाम के पास भी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस की गोले छोड़े। किसानों ने सिंघु बॉडर्र में पास पुलिस द्वारा तय समय से पहले जबरन बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने मुकरबा चौक पर भारी बंदोबस्त किया था ताकि किसानों को दूसरे रास्ते पर मोड़ा जा सके। मुकरबा चौक पर बैरीकेडिंग तोड़कर कुछ किसान आउटर रिंग रोड की तरफ कूच कर गए हैं।

इससे पहले संजय गांधी ट्रांसपोटर् नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉडर्र से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी। पुलिस ने किसानों को आउटर रिंग रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए लेकिन किसान पुलिस बंदोबस्त को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और कुछ किसान घायल हुए हैं। बता दें कि पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच कई चक्र की बातचीत के बाद ट्रैक्टर रैली को अनुमति दी गई थी। इसके लिए समय और मार्ग भी तय किया गया था लेकिन किसान दोनों का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े जिसके कारण कुछ जगहों पर टकराव हुआ।

Seema Sharma

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