मशहूर इतिहासकार ने दी बीजेपी को सलाह, पहले बदलें अमित शाह का नाम

Sunday, Nov 11, 2018 - 09:51 PM (IST)

नेशनल डेस्कः विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारों के द्वारा नाम बदलने की कवायद पर जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब ने टिप्पणी की है। हबीब ने कहा है कि पार्टी को पहले उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम बदलना चाहिए। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया है कि उनका उपनाम ‘शाह’ फारसी मूल का है। ये गुजराती शब्द नहीं है।



कहां से आया शाह शब्द
एक अखबर में प्रकाशित रिपोर्ट मुताबिक, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में प्रोफेसर रहे 87 वर्षीय इरफान हबीब ने कहा, "गुजरात शब्द फारसी भाषा से आया है। पहले इसे ‘गुर्जरात्र’ कहा जाता था। उन्हें इसे बदलना भी बदलना चाहिए।"



प्रोफेसर इरफान हबीब ने और क्या कहा
प्रोफेसर हबीब ने कहा कि भाजपा का नाम बदलने का अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हिंदुत्व की नीति पर आधारित है। ये बिल्कुल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरह है। वहां जो भी चीज इस्लामिक नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। भाजपा और दक्षिणपंथी उन चीजों को बदल देना चाहते हैं, जो गैर हिंदू है और खासतौर पर इस्लामिक मूल की हैं।



वैसे बता दें कि कई भाषा विज्ञानी मानते हैं कि शाह शब्द का मूल फारसी है, जिसका अर्थ राजा होता है। शाह उपनाम भारत में अधिकतर सैय्यद मुस्लिमों द्वारा लगाया जाता है। लेकिन शाह शब्द संस्कृत भाषा के शब्द साधु से भी आता है, जिसका अर्थ भला व्यक्ति होता है। भारत में शाह उपनाम का इस्तेमाल अधिकतर कारोबारी समुदाय, जैसे वैश्य समुदाय करता है। इसके अलावा शाह/साह उपनाम गुजरात, राजस्थान और यूपी में जैन और वैष्णव भी करते हैं। शाह उपनाम दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का जैन समुदाय भी इस्तेमाल करता है। कुछ भाषा विज्ञानी मानते हैं कि शब्द का मूल हिंदी के शब्द साहूकार से आता है। साहूकार शब्द का अर्थ पैसे का लेन-देन करने वाला होता है।

 

Yaspal

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