जो व्यक्ति कभी सीता माता और कभी... अनिरुद्धाचार्य पर भड़के फलाहारी बाबा; आज दोपहर 1 बजे हो सकता है बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 12:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क : वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है, जिसे लेकर संत समाज और स्थानीय लोग खासे नाराज़ हैं।

फलाहारी बाबा का बड़ा बयान

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद केस के मुख्य याचिकाकर्ता और संत समाज के वरिष्ठ सदस्य दिनेश फलाहारी बाबा ने अनिरुद्धाचार्य पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 'जो व्यक्ति कभी सीता माता, कभी राधारानी और अब आम महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करता है, उसे ब्रज की पवित्र भूमि पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।' फलाहारी बाबा ने कथावाचक पर 'व्यापारी आचार्य' होने का आरोप भी लगाया और कहा कि इस तरह के बयान न केवल समाज की मर्यादा का उल्लंघन करते हैं, बल्कि व्यास पीठ की गरिमा को भी ठेस पहुंचाते हैं।

वृंदावन में महापंचायत बुलाई गई

इस पूरे मामले को लेकर वृंदावन में आज दोपहर 1 बजे संत समाज की एक महापंचायत बुलाई गई है। इसमें ब्रज के संत, महंत और स्थानीय श्रद्धालु शामिल होंगे। संभावना है कि इस बैठक में अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाया जा सकता है।फलाहारी बाबा ने यह भी कहा कि महापंचायत में अनिरुद्धाचार्य को कड़ा संदेश दिया जाएगा और उनके द्वारा लगातार की जा रही अमर्यादित टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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महिला वकीलों ने कोर्ट में दी याचिका

इस विवाद पर कानूनी कार्रवाई की दिशा में भी पहल हो चुकी है। महिला अधिवक्ताओं - प्रियदर्शिनी, पूजा शर्मा, भावना सेंगर और सौम्या शुक्ला ने ACJM प्रथम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सुसंगत धाराओं के तहत अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक धार्मिक सभा में महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद हिंदू संगठनों, महिला अधिवक्ताओं और संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

संत समाज की मांग

संत समाज और स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि धार्मिक मंच से इस तरह की भाषा का प्रयोग निंदनीय है और जो व्यक्ति धर्म की मर्यादा का पालन न करे, उसे संत समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए।


 


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Content Editor

Mehak

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