जाली करंसी मामला : हे राम! वाहवाही लूटने के लिए पुलिस ने कैसे बना डाली झूठी कहानी

Wednesday, Dec 14, 2016 - 09:03 AM (IST)

मोहाली(राणा) : 42 लाख की जाली करंसी सहित तीन आरोपी अभिनव वर्मा विशाखा व उनके एक अन्य साथी सुमन नागपाल को गिरफ्तार करने के बाद जो दावा किया वह सिर्फ मनगढ़ंत कहानी थी, जबकि असल में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया वे जाने-माने बिल्डर हैं, जिनका जीरकपुर में भी प्रोजैक्ट चल रहा है। पुलिस ने जीरकपुर के उक होटल से ही इन्हें काबू किया था जो बाद में वाहवाही लूटने के लिए जगतपुरा में नाके और गुप्त सूचना की कहानी बना दी गई।

 

इस मामले में अभी तक पुलिस ने आरोपियों को रिमांड में लेने के बाद जो दलीलें कोर्ट में दी गई थीं, उनमें से पुलिस किसी भी दलील पर खरी नहीं उतर पाई है। पुलिस इस केस में झूठी कहानियां बना रही है, जबकि इस केस में जो पैसा पकड़ा गया है, वह अम्बाला के एक बिल्डर का है, यह कहना है कि क्लाइंट के वकील नवीन सैणी का। नवीन ने कहा कि सोहाना पुलिस ने कोर्ट में उनके क्लाइंट का पुलिस रिमांड लेने के लिए दलील दी थी कि आरोपियों ने 80 लाख दिल्ली में छुपाकर रखे हुए हैं जो इनकी निशनदेही पर बरामद करने हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस अकेले गई, जबकि उन्हे उनके क्लाइंट को साथ लेकर जाना चाहिए था, उसे पुलिस ने पुलिस थाना में बिठाकर रखा। सैणी ने कहा कि पुलिस ने बाद में कहा कि दिल्ली से पैसे बरामद नहीं हुए। मीडिया रिपोर्ट बता रही है उन तीनों को पुलिस ने जगतपुरा टी-प्वाइंट से गिरफ्तार किया है, लेकिन पुलिस की ये दोनों बातें ही झूठी हैं। पुलिस ने उन्हें जीरकपुर के बड़े होटल के पास से गिरफ्तार किया था और इसका सबूत एक सी.डी. है, जिसे कोर्ट जब भी उनसे मांगेगी वह कोर्ट में पेश कर देंगेे।

 

बिल्डर के थे पैसे :
सैणी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो दावा पुलिस कर रही है कि उन्होंने 42 लाख की जो जाली करंसी पकड़ी है वह उन्हीं ने छापी थी, जबकि वह करंसी अम्बाला के एक बड़े बिल्डर की थी, उसका एक प्रोजैक्ट जीरकपुर में भी चल रहा है। पुलिस को उसका नाम पता होने के बाद भी अब तक पूछताछ के लिए नहीं बुलाया और उसे बचाने में लगी है। वहीं सैणी ने कहा कि पुलिस ने कोर्ट में दलील दी थी कि आरोपी अभिनव मैसूर कागज मिल के संपर्क में था और साथ ही पूरे देश में सरकार 4 कागज मिल मैसूर, कोलकाता, नासिक व एक अन्य जगह शामिल है, जिनसे सरकार कागज मंगवाती है, लेकिन अब तक पुलिस मैसूर कागज मिल से उनके क्लाइंट का कोई संपर्क था इसे लेकर कोई ठोस सुबूत कोर्ट में नहीं दे पाई।

 

आई.एस.आई. से लिंक! :
पुलिस ने कहा था कि आरोपी अभिनव अभी तक 16 देशों की यात्रा कर चुका है। पुलिस को संदेह है कि इसका लिंक पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. से भी हो सकता है। इस आंशका के बाद अब पुलिस इस पहलू पर भी जांच करने में जुट गई है। उसका पूरा कारोबार ऑनलाइन है, ऐसे में पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी विदेशों में किन-किन लोगों से संपर्क में है, उसका सारा डाटा भी खंगालना है। इसके लिए पंजाब पुलिस का साइबर विभाग जांच करेगा, लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक इसका भी खुलासा नहीं किया गया है।

 

इन्कम टैक्स के नोटिस मिलते ही शिकायतकर्ता गायब :
सैणी ने बताया कि पुलिस उनके क्लाइंट को फंसाने के लिए पंजाब से लोगों को इक्टठा कर लेेकर आई थी, उन लोगों ने शिकायत दे भी दी थी कि उनके साथ भी ठगी हुई है, लेकिन जब इन्कम टैक्स विभाग द्वारा पुलिस से सभी शिकायतकर्ताओं का रिकॉर्ड मांगा गया कि जिनसे लाखों की ठगी हुई है उनका पूरा डाटा दें और फिर इन्कम टैक्स विभाग ने सभी को नोटिस जारी कर कहा कि जो उन्होंने ठगी की शिकायत दी है, इतना पैसा उनके पास कहां से आया तो यह देख सभी लोगों ने शिकायत वापस ली और जो लोग शिकायत देने वाले थे वह भी बिना शिकायत दिए लौट गए। मालूम हो कि अब तक पुलिस के पास सिर्फ 2 ही शिकायतकर्ता पहुंचे हैं।

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