Facebook से करार तोड़ सकता है चुनाव आयोग

Saturday, Mar 24, 2018 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्ली: फेसबुक के डेटा में सेंध लगने के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने उसके साथ किये गए समझौतों पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि युवा वोटरों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ समय पहले ही फेसबुक सहित कुछ अन्य लोकप्रिय सोशल मीडिया साइटों के साथ आयोग ने समझौता किया था।  इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस मामले पर आयोग की बैठक में व्यापक रूप से चर्चा होगी। उन्होंने संकेत दिया कि आयोग की बैठक अगले सप्ताह हो सकती है।

चुनाव आयोग ने की थी फेसबुक के साथ पार्टनरशिप
चुनाव आयुक्त से जब पूछा गया कि क्या फेसबुक से डाटा का इस्तेमाल कुछ कंपनियां वोटरों को मनोवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित करने के लिए कर रही हैं, उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ऐसा हो रहा है। यह चिंता करने का विषय है। हम इस पर विचार करेंगे। पिछले साल तीन मौकों पर चुनाव आयोग ने फेसबुक के साथ पार्टनरशिप की थी। आयोग ने ऐसा नौजवानों को वोटर के रूप में रजिस्टर नाम कराने के लिए किया था। समझौते के तहत फेसबुक युवाओं को 13 भाषाओं में वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के संदेश भेजता था। यह समझौता तत्कालीन मुख्य आयुक्त नसीम जैदी के कार्यकाल में हुआ था।  कुछ महीने बाद जब ए.के. ज्योति सीआईसी बने तो फेसबुक के जरिये एक और कैंपेन चलाया गया। 

इस कैंपेन में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले देश की युवा पीढ़ी को चुनाव आयोग की तरफ से फेसबुक ने जन्मदिन की बधाई दी। साथ ही ऐसे युवाओं से मतदाता केरूप में नाम रजिस्टर कराने की अपील भी की गई। चुनाव आयोग इस साल जनवरी में नेशनल वोटर डे के दिन फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद हासिल की थी।

Punjab Kesari

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