फेसबुक, व्हाट्सएप नहीं करते आतंकी मामलों की जांच में मदद

Monday, May 28, 2018 - 05:33 AM (IST)

नई दिल्ली: जांच एजैंसियों और कानून पर अमल करवाने वाली संस्थाओं का कहना है कि व्हाट्सएप और फेसबुक आतंकी गतिविधियों की जांच में उनकी सहायता नहीं कर रहे हैं। 

गत दिवस हुई एक बैठक में जांच एजैंसियों ने बताया कि कैसे उन्हें इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म से सहयोग नहीं मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय पुलिस संगठनों की जांच एजैंसियों द्वारा आतंकवाद निरोधी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा एजैंसियों की सालाना बैठक होती है जिसमें नई-नई रणनीतियां बनाई जाती हैं। 

इस साल इंटैलीजैंस ब्यूरो के मुख्यालय में बैठक का आयोजन किया गया था। किसी भी विशेष टैरर मॉड्यूल पर विशेष ध्यान देने की बजाय पूरी चर्चा जांच, उसे खत्म करने की कार्यप्रणाली पर ही रही। बातचीत के दौरान आतंक से लडऩे की रणनीति तैयार करने, सफलतापूर्वक जांच करने और आतंकी मामलों की पैरवी करने जैसे मामलों को लेकर चर्चा हुई। सभी ने इस बात को माना कि विदेशी मैसेजिंग सर्विस जैसे कि व्हाट्सएप और फेसबुक से अमूमन यह अनुरोध किया जाता है कि वे संदिग्ध आतंकियों द्वारा अपने सर्वर पर हुई बातचीत को पढऩे वाले फॉर्मैट में जांच एजैंसियों को मुहैया करवाएं मगर वे ऐसा नहीं करते हैं। 

कॉन्फ्रैंस में एक अधिकारी ने कहा कि इसकी वजह से कई बार जांच में देरी होने के साथ ही जांच अंजाम तक नहीं पहुंच पाती है। कॉन्फ्रैंस में लैफ्ट विंग उग्रवाद (एल.डब्ल्यू.ई.) को लेकर एक बैठक हुई जिसमें पैनल डिस्कशन हुआ। जहां यह बात सामने आई कि एल.डब्ल्यू.ई. में पहले से कमी आई है, वहीं पैनल अधिकारियों ने माना कि जब तक माओवादियों को घुटनों पर नहीं लाया जाता तब तक सभी को पूरी तरह से अलर्ट रहना होगा।

Pardeep

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