ब्रह्मपुत्र से 3 देश खतरे में, सीमापार सहयोग से बचाव संभव

Tuesday, Aug 29, 2017 - 03:50 PM (IST)

बैंकॉकः विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रह्मपुत्र नदी से 3 देशों में बाढ़ का खतरा है और पारस्परिक लाभदायक उपयोग और ब्रह्मपुत्र घाटी में पडऩे वाले भारत तथा अन्य 3 देशों में बाढ़ नियंत्रण के लिए सीमापार सहयोग तथा बहुत अच्छे जल प्रबंधन की जरूरत है।। ब्रह्मपुत्र घाटी चीन, भूटान, भारत और बांग्लादेश तक कुल 5,80,000 वर्गकिमी क्षेत्र में फैली हुई है।  एशिया की मुख्य नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र का बहाव 50.50 फीसदी तिब्बत में, 33.60 फीसदी भारत में , 8.10 फीसदी बांग्लादेश में और 7.80 फीसदी भूटान में है। 

यारलंग जांगबो ब्रह्मपुत्र जमुना बेसिन में रहने वाली कुल आबादी का 95 फीसदी से भी अधिक हिस्सा भारत और बांग्लादेश में पड़ता है, यही इलाका बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित भी होता है।  थर्ड पोल द्वारा यहां ‘वॉटर ऐंड नेबरहुड’ विषय पर हाल में आयोजित कार्यशाला में आईआईटी गुवाहाटी के अरूप शर्मा ने बताया, ‘‘ संकरेपन और ड्रेनेज डेन्सिटी अधिक होने के कारण यारलंग जांगबो ब्रह्मपुत्र जमुना नदी के जल का उपयोग करना चुनौतीपूर्ण है, इसकी वजह से बाढ़ की ऊंची लहर उठती है जो घाटी में बहाव के नीचे की ओर स्थित देशों में भारी तबाही मचाती है। ’’ 

शर्मा ने कहा कि बाढ़ के कारण होने वाले तबाही को न्यूनतम करने के लिए बहाव की राह में पडऩे वाले देशों के बीच आंकड़ों को साझा करना आज वक्त की जरूरत है।  उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र घाटी में बाढ़ आती रहती है ऐसे में देशों के बीच समय रहते आंकड़ों के आदान प्रदान से लोगों तथा मवेशियों को समय रहते वहां से निकाल पाने में मदद मिलेगी। मई माह से जारी भारी बाढ़ के कारण असम में अब तक 157 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों ने 2,500 से ज्यादा गांवों को डुबो दिया है और 1.06 लाख हेक्टेयर भूमि में फसल तबाह कर दी है।  

Advertising