फौजी की पैंशन में देरी पड़ी महंगी, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला

Sunday, Nov 06, 2016 - 12:02 PM (IST)

मोहाली (राणा) : पंजाब नैशनल बैंक के खिलाफ एक फौजी को पैंशन देरी से देने के मामले मे जिला अदालत ने बैंक के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा है कि बैंक ने पेमैंट देने में जितनी देरी की है। उस समय का बैंक को नौ फीसदी ब्याज देना होगा। वहीं, बैंक को तीस हजार रुपए मुआवजे व कानूनी खर्च के रूप में चुकाने होंगे। उक्त अमाऊंट बैंक को तीस दिन भरना होगा। यदि रकम भरने में देरी हुई तो पूरी रकम पर 12 फीसदी ब्याज चुकाना होगा। यह फैसला जज जगरूप सिंह महल की अदालत ने सुनाया।  


अदालत में दायर केस में केस में सुखविंद्र सिंह ने बताया कि गांव कोटला टप्परियां तहसील व जिला रूपनगर के रहने वाले हैं। वह मिल्ट्री से रिटायर्ड है। 
उसकी पेंशन की पेमैंट संबंधी आदेश  जनवरी 2015 में पीएनबी बैंक लुधियाना को जारी  किए थे।  तो बैंक के अधिकारियों ने बताया कि पेंशन संबंधी सारे दस्तावेज रोपड़ शाखा में पहले ही भेजे जा चुके है। इसके बाद वह उक्त बैंक की शाखा में कई बार गया। लेकिन हर बार बैंक वालों का जवाब मिलता था कि उन्हें अभी तक इस संबंधी पेपर नहीं मिले है। आखिर बार उसे 1 जुलाई 2015 को भी यह बात बैंक वालों ने कहीं। 


इसके बाद उसने उसी दिन लाइफ सर्टिफिकेट समेत सारे दस्तावेज उसी दिन बैंक में जमा करवा दिए। जबकि बैंक द्वारा 16 जुलाई 2015 तक उक्त कार्रवाई की गई। इसके बाद उसने निराश होकर जिला लोक अदालत में केस दायर किया था। उन्होंने अदालत को बताया कि उसकी बकाया राशि 781000 पर बैंक ने छह महीने का ब्याज नहीं दिया। वहीं, इस दौरान उसे जरूरत पडऩे पर पांच लाख उधार लेने पड़े। जिसके लिए उन्हें ब्याज भी चुका। इसके बाद उसने बैंक पर पचास हजार का मुआवजा व 20 हजार रुपये कानूनी खर्च के लिए याचिका लगाई।

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