Exclusive Interview : आज जो कुछ भी हूं रितिक की वजह से हूं : टाइगर श्रॉफ

Wednesday, Oct 02, 2019 - 02:35 PM (IST)

नई दिल्ली। बॉलीवुड के दो सुपरस्टार टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) और रितिक रोशन (Hrithik Roshan) की एक्शन से भरपूर फिल्म 'वॉर' (War) 2 अक्टूबर यानि की आज सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म में दर्शकों को ध्यान में रखते हुए एक्शन के साथ-साथ रोमांस की भी कोई कमी नहीं रखी गई है। फिल्म प्रमोशन के दौरान खालिद खान का किरदार निभा रहे टाइगर श्रॉफ ने पंजाब केसरी (Punjab Kesari)नवोदय टाइम्स (Navodaya Times)जगबाणी (Jagbani)/ हिंद समाचार (Hind Samachar) से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

 

ये था फिल्म का चैलेंजिग पार्ट
फिल्म में मेरा ढाई मिनट का एंट्री सीन है जो बॉलीवुड का सबसे लंबा इंट्रोडक्टरी एक्शन सीक्वेंस था जिसे एक शॉट में शूट किया गया। इसके लिए मुझे बहुत तैयारी करनी पड़ी। बीच-बीच में अपनी एनर्जी को मेंटेन करना और एक्शन याद रखना काफी मुश्किल था। शूट करते समय कमरे में कई खतरनाक चीजें भी थीं जिससे चोट लग सकती थी ऐसे में वहां पर एक्शन सीन शूट करना बहुत ही चैलेंजिंग रहा।

 

ऑनस्क्रीन के साथ-साथ ऑफस्क्रीन गुरू भी हैं रितिक
मैं हमेशा से कहता आया हूं कि आज मैं जो कुछ भी हूं रितिक रोशन की वजह से हूं। उनसे काफी प्रेरणा ली है मैंने। ये कह सकता हूं कि ऑनस्क्रीन भी हमारा रिश्ता गुरू-शिष्य का है और ऑफस्क्रीन भी हमारा रिश्ता गुरू-शिष्य का ही है।

 

रितिक को टक्कर देना मेरे लिए नामुमकिन
ऑनस्क्रीन रितिक के साथ काम करना और उनको मैच करना बहुत ही मुश्किल था मेरे लिए। उनको टक्कर तो कभी नहीं दे पाऊंगा लेकिन हर सीक्वेंस में उनसे मैचअप करने की बहुत कोशिश की। वैसे तो रितिक से मैंने बहुत कुछ सीखा है फिर चाहे वो एक्टिंग को लेकर हो या फिर जिंदगी को लेकर। किसी एक चीज के बारे में बात करूं तो रितिक का वर्क एथिक मुझे काफी प्रभावित करता है और वो चीज मैंने अपनाने की कोशिश की है। जिस तरह से वो किसी भी सीन, किसी भी डायलॉग में खुद को ढाल देते हैं, फिल्म की हर बारीकी का ख्याल रखते हैं वो काबिले तारीफ है। काम को लेकर उनकी भूख, उनका लालच इतनी सक्सेस मिलने के बाद भी साफ दिखाई देता है जो बहुत ही अच्छी बात है।

 

एक्टर नहीं कुछ और बनना चाहता था
मैं हमेशा से देश के लिए फुटबॉल खेलना चाहता था लेकिन उस वक्त फुटबॉल का ज्यादा स्कोप नहीं था और मेरे पास कई फिल्म के ऑफर भी थे इसलिए मैंने सोचा क्यों न बॉलीवुड में कदम रखा जाए। इन्हीं ऑफर में से एक हीरोपंती का ऑफर था और ये अच्छी किस्मत थी मेरी कि दर्शकों ने मुझे स्वीकार किया।

 

पापा की परछाई से निकलना चाहता था बाहर
पापा इतने बड़े स्टार हैं इसलिए लोगों की मुझसे उम्मीदें ज्यादा थीं। मुझे अपने आप को अलग साबित करना था। मुझे पापा की परछाई से बाहर निकलना था। मेरे अंदर ऐसी बहुत ही चीजें हैं जो मैंने पापा से सीखी हैं, जैसे कि मां-बाप की इज्जत करना, सबकी इज्जत करना। बतौर एक्टर मुझे पापा ने सिखाया है कि अपने काम, अपने कैरेक्टर के साथ ईमानदार रहो।

Chandan

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