Exclusive Interview: हक की लड़ाई है ‘प्रस्थानम’

Thursday, Sep 19, 2019 - 12:27 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बॉलीवुड (Bollywood) में साउथ की फिल्मों का अडॉप्टेशन काफी जोर पकड़ रहा है। अडैप्टेड फिल्मों की इसी लिस्ट में शामिल होने जा रही है एक और फिल्म ‘प्रस्थानम’ (Prassthanam)। ये फिल्म वर्ष 2010 में आई सुपरहिट तेलुगू फिल्म ‘प्रस्थानम’ का हिंदी रीमेक है। यह एक मल्टी स्टारर फिल्म है और लंबे समय के बाद इंडस्ट्री के कुछ बड़े नाम एक साथ एक छत के नीचे नजर आएंगे।

इसमें जहां एक तरफ संजय दत्त (Sanjay Dutt) और चंकी पांडे (Chunky Pandey) की सुपरहिट जोड़ी देखने को मिलेगी वहीं अली फजल (Ali Fazal), अमायरा दस्तूर (Amyra Dastur) और सत्यजीत दुबे (Satyajeet Dubey) जैसे यंग स्टार्स भी नजर आएंगे। फिल्म में संजय दत्त का डायलॉग ‘पॉलिटिक्स शेर की सवारी है, अगर उतर गए तो जान से भी हाथ धो बैठेंगे’ काफी पॉपुलर हो रहा है।

 

‘प्रस्थानम’ (Film Prassthanam) एक पिता और पुत्र के बीच विरासत की लड़ाई के बारे में है। फिल्म की कहानी सम्मान और विरासत के लिए परिवार की दो पीढ़ियों के बीच टकराव के बारे में है, जो बेहद आम बात है लेकिन यह केवल राजनीति तक सीमित नहीं है।कहानी के इस अनोखे नजरिए के कारण इससे हर क्षेत्र का शख्स जुड़ा महसूस करेगा।

फिल्म एक बड़े बजट में बड़े पैमाने पर बनी मनोरंजक कहानी है। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है देवा कट्टा (Director Deva Katta) ने। वहीं, इसे प्रोड्यूस किया है संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त (Producer Maanayata Dutt) ने। फिल्म प्रमोशन के लिए दिल्ली (Delhi) पहुंचे संजय, मान्यता, चंकी, अली, अमायरा और सत्यजीत ने पंजाब केसरी (Punjab Kesari)/ नवोदय टाइम्स (Navodaya Times)/ जगबाणी (Jagbani)/ हिंद समाचार (Hind Samachar) से बातचीत की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश।

 

मान्यता के काम में दखल नहीं : संजय दत्त
इस फिल्म में एक नेता की दो उत्तराधिकारियों के बीच पारिवारिक राजनीति दिखाई गई है। यह फिल्म मूल फिल्म की पूरी तरह से नकल नहीं है। मैं चाहता था कि मान्यता इस पर फिल्म बनाएं और मुझे बहुत खुशी है कि इन्होंने पूरी फिल्म खुद से बनाई, खुद से सीखा, जो गलतियां हुईं उन्हें सुधारा। मैंने मान्यता के काम में बिलकुल दखल नहीं दिया। स्क्रीप्टिंग से लेकर प्रोडक्शन तक में इनका बड़ा हाथ रहा।



संजय की पत्नी होने से मिली सहूलियत: मान्यता
किसी प्रोड्यूसर के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होता है स्टार्स को इकट्ठा करना। इस मामले में मुझे संजय की पत्नी होने से काफी सहूलियत थी। स्टार्स के साथ इनके अलग रिश्ते हैं जिसके चलते मेरी एक कॉल पर स्टार्स इस फिल्म से जुड़ गए। बस, सबकी उम्मीदों को पूरा करना था जिससे प्रेशर महसूस होता था लेकिन सभी वहां एक फैमिली का हिस्सा हो गए थे जिसके कारण हंसते-खेलते ये फिल्म बन गई।

 

 

बरकरार है पुरानी बॉन्डिंग : चंकी पांडे
संजय व जैकी (Jackie Shroff) के साथ काम करना बहुत ही मजेदार रहा। संजय के साथ तो ये मेरी पांचवी फिल्म है लेकिन हमारी बॉन्डिंग आज भी बरकरार है। सेट पर हम बहुत मौज-मस्ती करते थे और जैसे ही एक्शन बोला जाता था, अपने किरदार में उतर जाते थे और एक-दूसरे का खून पीने के लिए तैयार हो जाते थे।



पहली बार संजय दत्त से बात करके लगा था डर : अली
जब पहली बार मुझे फिल्म के लिए मैनेजर का कॉल आया, बात करते-करते उन्होंने फोन संजय दत्त को दे दिया, उस वक्त मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं उनसे बात की शुरूआत भी कैसे करूं? करीबन एक मिनट तक मैं उन्हें अलग-अलग नामों से बुलाता रहा, जिससे वो समझ गए थे कि मैं बहुत नर्वस हूं। इसके बाद उन्होंने खुद बात शुरू की और बताया कि एक फिल्म है और हम चाहते हैं कि आप उसका हिस्सा बनें।


 

बचपन में देखती थी इनकी सारी फिल्में : अमायरा
फिल्म मेकर्स ने जब पहली बार इस फिल्म के लिए मुझसे संपर्क किया तो मैं सच में बहुत ही एक्साइटेड हो गई थी। बचपन में मैं इन स्टार्स की सभी फिल्में देखा करती थी और आज इन्हीं स्टार्स के साथ काम करना मेरी खुशकिस्मती थी।



सपना हुआ पूरा : सत्यजीत दूबे
इस फिल्म में काम करना सपना पूरा होने जैसा है। मैंने थिएटर में जो पहली मूवी देखी थी, वो थी ‘खलनायक’। इतने सालों बाद उसके स्टार्स के साथ काम करना मेरे लिए बड़ा मौका था। इसका श्रेय मान्यता दत्त को भी जाता है, जिन्होंने मेरा वो किरदार देखा जिसे मैंने इंडीपेंडेंट फिल्म के लिए किया था।

 

Chandan

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