Exclusive Interview : क्रिकेट का काला सच है ‘इनसाइड एज 2’

Tuesday, Dec 03, 2019 - 12:43 PM (IST)

नई दिल्ली। भारत (India) में स्पोर्ट्स (Sports) की बात करें तो क्रिकेट (Cricket) सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता होता है कि इस सबसे पसंदीदा खेल के पीछे भी एक खेल खेला जाता है जो इस खेल की असली तस्वीर या यूं कहें कि इस खेल के पीछे के काले सच को बयां करता है। इसी खेल की तस्वीर को पेश करने के लिए अमेजन प्राइम (Amazon Prime) की पहली ओरिजनल वेब सीरीज 'इनसाइड एज' अपने दूसरे सीजन 'इनसाइड एज 2' (Inside Edge 2) के साथ 6 दिसंबर को स्ट्रीम करने वाली है। 

 

वेब सीरीज (Web Series) को प्रमोट करने दिल्ली (Delhi) पहुंचे इसके स्टार्स तनुज वीरवानी (Tanuj Virwani), सपना पब्बी (Sapna Pabbi), आमिर बशीर (Aamir Bashir), विवेक ओबरॉय (Vivek Oberoi), शायोनी गुप्ता (Sayani Gupta), डायरेक्टर करण अंशुमन (Karan Anshuman) और प्रोड्यूसर रितेश सिधवानी (Ritesh Sidhwani) ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश।

 

 

पहली बार अमेजन ने कर दिया था जुड़ने से इनकार: रितेश सिधवानी
यह शो जब पहली बार करण ने लिखा था, उसी दौरान एक फीचर फिल्म में उन्होंने मुझे यह कहानी सुनाई और बताया कि यह कहानी उन्होंने वेब सीरीज के लिहाज से लिखी है। उस वक्त मैंने अमेजन से पूछा कि क्या वो वेब सीरीज में इंट्रस्टेड हैं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, फिर भी हमने इस पर काम करना बंद नहीं किया। फिर 6 महीने बाद अमेजन की तरफ से मुझे कॉल आई कि वो इस शो के साथ जुड़ना चाहते हैं और इस तरह इस कहानी को उसका प्लेटफॉर्म मिल गया।

 

 

महसूस हुआ, अभी भी मेरे अंदर जिंदा थी रोहिनी : शायोनी गुप्ता
इससे पहले कभी नहीं हुआ था कि एक ही किरदार को मैं दोबारा निभा रही थी। थोड़ा नर्वस थी कि फिर से वही किरदार निभाते हुए मैं उसके साथ वैसे ही ईमानदार रह पाऊंगी कि नहीं। जब मैंने इस किरदार को दोबारा निभाना शुरू किया तो मुझे महसूस हुआ कि रोहिनी का किरदार अभी भी मेरे अंदर था।

 

 

पहले सीजन के मुकाम पर दूसरे को ले जाना सबसे बड़ा चैलेंज : तनुज वीरवानी
इस सीरीज को लोगों का बहुत प्यार मिला। दूसरे सीजन को उसी मुकाम तक ले जाना हमारे लिए बहुत जरूरी था और इसका पूरा श्रेय इस सीरीज के राइटर्स को जाता है। इस बार जिस तरह और जिन-जिन परिस्थितियों से मेरे किरदार को आगे ले जाया गया है वो काबिले तारीफ है।


 

स्ट्रगल करने का फैसला लिया, छोड़ दिया था अपना सरनेम : विवेक ओबरॉय
मैंने हमेशा से ही एक अलग ही रास्ता अपनाया है। करियर की शुरूआत में पापा के प्रोड्यूसर होने के बावजूद मैंने स्ट्रगल करने का फैसला लिया और हर जगह अपने सरनेम के बिना गया। 18 महीने स्ट्रगल करने के बाद मुझे फिल्म 'कंपनी' (Company) मिली। ऐसे ही जब करण पहली बार इस वेब सीरीज के लिए मेरे पास आए तब भी लोगों ने सवाल उठाए कि डिजीटल स्पेस क्यों, लेकिन मुझे इसका भविष्य दिख रहा था और इस तरह का किरदार मुझे दोबारा निभाने को नहीं मिलता।

 

 

भाईसाहब का रोल निभाने में लगा था डर : आमिर बशीर
मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे भाईसाहब का किरदार निभाने का मौका मिला है लेकिन सच कहूं तो शुरूआत में थोड़ा सा डर लगा था कि पहले सीजन के बाद सबके दिमाग में भाईसाहब की अलग-अलग छवि बन गई होगी, उन उम्मीदों पर खरा उतरना और अपनी उम्र से बड़े इंसान का रोल निभाना मेरे लिए बड़ा चैलेंज था। ऐसे में ऑडियंस मुझे कितना स्वीकार करती है अब ये देखना होगा।

 

 

रिसर्च में दिखा क्रिकेट के पीछे का काला सच : करण अंशुमन
रिसर्च के दौरान हमें जो कुछ भी पता चला वो इस हद तक करप्ट था कि उस पर कोई भरोसा ही नहीं करता। इस सीरीज की स्क्रिप्ट लिखने के दौरान हमें उसे फिल्टर करना पड़ा और आखिर में हमने उसका सिर्फ 10 प्रतिशत ही रखा। अगर हमने पूरा सच लोगों के सामने रखा होता तो शायद लोग क्रिकेट देखना ही बंद कर देते।

Chandan

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