Exclusive Interview: बॉलीवुड की अन्य हॉरर फिल्मों से अलग है भूत-1

Wednesday, Feb 19, 2020 - 10:12 AM (IST)

नई दिल्ली। ‘उरी’ एक्टर विक्की कौशल (Vicky Kaushal) अपनी अपकमिंग फिल्म ‘भूत पार्ट 1 - द हॉन्टेड शिप’ (Bhoot Part One: The Haunted Ship) को लेकर जबरदस्त चर्चा में बने हुए हैं। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की ये फिल्म 21 फरवरी को रिलीज हो रही है और भानु प्रताप सिंह इस फिल्म से निर्देशन में अपना डैब्यू कर रहे हैं। विक्की के साथ फिल्म में भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) अहम भूमिका में है। विक्की हमेशा से ही अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म में विक्की पहली बार अलग अंदाज में नजर आने वाले हैं। नेशनल अवॉर्ड (National Award) विनर विक्की कौशल के लिए यह फिल्म बेहद खास और चैलेंजिंग रही है। फिल्म प्रोमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे विक्की ने फिल्म, करियर से जुड़ी दिलचस्प बातें पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्सजगबाणीहिंद समाचार के साथ शेयर की। पेश हैं प्रमुख अंश...

 

धर्मा प्रोडक्शन व हॉरर फिल्म
जब धर्मा प्रोडक्शन ने मुझे इस फिल्म के लिए बुलाया तो मेरी मुलाकात शशांक खेतान और करण जौहर से हुई। उन्होंने मुझे बताया कि हम एक हॉरर फिल्म बनाने जा रहे हैं। मैं यह सुनकर सोच में पड़ गया कि धर्मा प्रॉडक्शन में हॉरर फिल्म, ऐसा कैसे हो सकता है। मुझे भरोसा ही नहीं हुआ। जब उन्होंने मुझे स्टोरी पढ़ने को दी, तब मुझे महसूस हुआ कि यह बेहद डरावनी फिल्म है। हालांकि इसमें कुछ रोमांटिक सीन भी हैं। इस फिल्म के साथ मेरा सफर काफी अच्छा रहा।

 

मुंबई की घटना पर स्टोरी
फिल्म की कहानी मुंबई की एक घटना पर आधारित है। इसमें एक शिप है जो खुद बिना किसी इंसान के पार्क होती है और ऐसे में अगर कोई  इंसान शिप में अकेला फंस जाए तो क्या होगा। शिप में लिफ्ट नहीं है, बस कमरे ही कमरे हैं। मुझे लगा कि फिल्म की कहानी में दम है। फिल्म को लेकर हमने काफी मेहनत की है। यह फिल्म बॉलीवुड (Bollywood) की हॉरर फिल्मों से हटकर है। इसमें हमने रिएलिटी नहीं छोड़ी है। रियल लाइफ को इसमें बरकरार रखा गया है।

 

करियर में सक्सैस और प्रैशर
फिल्म रिलीज पर प्रैशर तो फील होता है और लोगों की उम्मीदें भी हमसे बढ़ जाती हैं। हालांकि मैं चाहता भी था कि मेरे करियर में ऐसा मुकाम आए, जहां ऑडियंस मुझसे कुछ उम्मीदें रखें। मेरे करियर की शुरूआत इंडस्ट्री में छोटे-छोटे रोल मांग कर हुई थी। अब ऊपरवाले ने ऐसा समय दिया है, जब लोग मुझसे उम्मीदें रख रहे हैं तो शिकायत करने का तो सवाल ही नहीं उठता है।

 

पापा के संघर्ष से लिया सबक
मेरे पिता श्याम कौशल जी पिछले 30 साल से एक्शन डायरैक्टर रहे हैं। इसका फायदा यह हुआ कि मैं बॉलीवुड में अनजाने में नहीं आया हूं। इंडस्ट्री (Industry) के बारे में मुझे पता था। न्यूकमर्स के लिए दिक्कत तब होती है, जब आपको बॉलीवुड के काम करने के तौर-तरीके नहीं मालूम हों। अक्सर होता है कि बहुत से एक्टर्स फिल्म और उनके सितारों की चकाचौंध को देखकर इंडस्ट्री में आते हैं लेकिन हकीकत में यहां बहुत मेहनत करनी पड़ती है। मेरे मामले में मैंने अपने पापा की संघर्ष भरी जिंदगी को देखा है, इसलिए वहां से भी बहुत से सबक लिए हैं।

Chandan

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