कोरोना फाइटर: बिना PPE के मरीजों की जांच करना मुझे कोरोना दे गया- डॉ शीनम

Friday, Apr 03, 2020 - 07:17 PM (IST)

नई दिल्ली। हरियाणा के गुरुग्राम में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित 10 में से नौ लोग ठीक हो गए हैं। इनमें से एक 35 वर्षीय डॉक्टर शीनम भी शामिल हैं, जो अस्पताल में काम करती हैं। सिविल अस्पताल के सैंपल कलेक्शन लैब की नोडल ऑफिसर डॉक्टर शीनम का 20 मार्च को कोरोना टेस्ट लिया गया था जिसमें उनके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी।

शीनम का मानना है कि अस्पताल में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट(PPE) सूट की कमी है, जिसकी वजह से वो भी संक्रमित हुईं! इस बारे में डॉ शीनम के अनुभव कैसे रहे आइए हम आपको बताते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, शीनम का जब टेस्ट पॉजिटिव आया तो वो घबरा गई थीं कि कहीं उनके परिवार में भी संक्रमण न फैला हो।  इसलिए उनका भी टेस्ट कराया गया जो निगेटिव आया।  लेकिन फिर भी सुरक्षा के अंदाज से उन्हें घर में ही क्वारंटाइन किया गया।

मरीजों के बीच करती थी काम
शीनम को नहीं मालूम की उन्हें कब संक्रमण लगा लेकिन क्योंकि उनका काम ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल कलेक्ट करना, उन्हें सील करना और टेस्ट के लिए लैब में भेजना है तो वो इस बात से असमंजस में हैं कि शायद सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बिना प्रोटेक्टिव गियर के मरीज के संपर्क में आने से उन्हें संक्रमण हुआ होगा।  हालांकि वो यह भी कहती हैं कि वो संदिग्ध मरीजों और सैंपल लेने वाले डॉक्टरों से दूरी बनाकर रहती थी।

ऐसा हुआ संक्रमण
शीनम बताती हैं कि मैं सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में COVID-19 के मरीज से मिली थी। वो काफी परेशान था।  उस समय मैंने मास्क, ग्लव्स और एप्रेन पहना था। लेकिन हमारे पास पीपीई का स्टॉक नहीं था और हमारे पास सेफ्टी किट की भी सप्लाई नहीं आ रही थी। उस वक़्त बिना सूट के काम करना रिस्क था और मेरी किस्मत खराब रही कि मुझे संक्रमण हो गया। हालांकि अब अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सेफ्टी किट मिल रही हैं।

शीनम में दिखे लक्षण
शीनम बताती हैं कि मरीज के संपर्क में आने के दो दिन बाद उन्हें हल्का बुखार और डायरिया हो गया। उन्हें लगा कि बाहर खाना खाने के वजह से ऐसा हुआ होगा। लेकिन मैंने दूसरे डॉ से पूछा तो उन्होंने टेस्ट कराने की सलाह दी।  तब 19 मार्च को ही शीनम ने टेस्ट कराया और अगले ही दिन उनका टेस्ट पॉजिटिव आ गया।  इसके बाद उनके बाकी साथियों का भी टेस्ट लिया गया जो उनके आस-पास रहते थे।  शीनम कहती हैं कि अगली सुबह मैं अस्पताल गई और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हो गई। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने उनके साथ काम करने वाले एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों के सैंपल भी लिए।

सबसे बड़ी चुनौती
शीनम ने कहा कि उनके आठ महीने के बच्चे को उसके पिता द्वारा संभालना बड़ी चुनौती थी।
वो अपने पति को वीडियो कॉल पर बच्चे को संभालने के टिप्स देती थी। इस बीच उनके कुछ पड़ोसियों ने उनके पति का साथ दिया और कुछ ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया।  यहां तक कि सोसायटी के लोग हमारे पड़ोसियों को हमारी मदद न करने के लिए कह रहे थे। लोग मेरे पति के साथ बुरा बर्ताव करते थे। जिससे तंग होकर मेरे परिवार को सोसायटी के लोगों को समझाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी थी।

 

Chandan

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