अपना प्यार पाने के लिए समाज से भिड़ गई थी राजकुमारी, रानी पद्मावती पर कही ये बात

Friday, Nov 10, 2017 - 04:05 PM (IST)

जयपुरः पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के लिए राजस्थान में चौतरफा हो रहे विरोध में अब राजपूत समाज की महिलाएं भी इसमें कूद पड़ी हैं। राजपूताना महिलाओं का कहना है कि फिल्म में घूमर का दृश्य बहुत बेहूदा है तथा राजपूती पोशाक भी अलग दिखाई गयी है। कई अंतरंग दृश्य भी फिल्म में दिखाए गए हैं। वहीं इस लड़ाई में पूर्व राज परिवार की सदस्य दीया कुमारी ने कहा था कि फिल्म के नाम पर इतिहास से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद ही कई राजपरिवारों ने फिल्म का विरोध करना शुरू किया था। दीया कुमारी कभी अपने प्यार को पाने के लिए पूरे समाज से लड़ गई थीं। दीया कुमारी ने नरेंद्र सिंह से 1997 में प्रमेम विवाह किया था। जिसके बाद काफी विवाद हुआ था क्योंकि दोनों एक ही गोत्र के थे। इस विवाह को लेकर राजपूत समाजमें काफी विरोध हुआ, सगोत्री शादी को लेकर सभी खिलाफ थे लेकिन दीयाकुमारी अपने फैसले पर अडिग रहीं और वे अपना प्यार हासिल करके रहीं। उनके तीन बच्चे हैं। पहले बेटे पद्मनाभ का जन्म 2 जुलाई, 1998 को हुआ जिसे पूर्व महाराजा भवानी सिंह ने 22 नवम्बर 2002 को युवराज घोषित किया गया। पद्मनाभ 27 अप्रैल 2011 को जयपुर की गद्दी पर विराजमान हुए। दीयाकुमारी का एक पुत्र लक्ष राज सिंह है और पुत्री गौरवी कुमारी भी हैं।

राजनीति में सक्रिय हैं दीयाकुमारी
दीया कुमारी ने अपनी दादी पूर्व राजमाता गायत्री देवी के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति में सक्रिय रहीं। उन्होंने सितम्बर 2013 में भाजपा का दामन थामा। उस दौरान एक रैली हुई थी जिसमें वर्तमान प्रधानमंत्री व गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे समेत कई नेता मौजूद थे।

सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से लड़ा चुनाव
दीया कुमारी ने भाजपा की टिकट पर सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने चिनाव में काफी मेहनत की और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहीं। दीयाकुमारी की अपनी अलग ही पहचान है, वे खेतों में फावड़े चलाने से लेकर रोटी बेलते तक नजर आईं।

बड़ी हस्तियों में भी दीयाकुमारी की अलग पहचान
सिटी पैलेस में इंटरनेशनल सेलिब्रिटी ओप्रा विंफ्रे भी उनसे मिलने पहुंची। सिटी पैलेस की होली भी काफी खास होती है। मकर संक्रांति के दौरान सिटी पैलेस में पतंगबाजी का अपना अलग अंदाज होता है। दीया कुमारी भी इस दिन अपने परिवार के साथ
पतंगबाजी करती हैं।

पद्मावती फिल्म को लेकर राजपूताना समाज में काफी रोष है। समाज का कहना है कि निर्देशक ने एतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर पैसे कमाने के लिए फिल्म क्यों बनाई गई है, साथ ही राजपूत समाज के साथ खिलवाड़ क्यों किया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में पद्मावती का जौहर दिखाया जा सकता था जिससे लोगों को यह पता चलता कि राजपूत समाज की महिला अपनी इज्जत बचाने के लिए किस हद तक जा सकती है लेकिन इसके बजाय फिल्म में प्रेम प्रसंगों को ज्यादा महत्व दिया गया है।

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