दुनिया के हर शख्स पर है 11 लाख का कर्ज! जानिए कैसे बना हर व्यक्ति कर्जदार?

punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2024 - 04:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनिया पर कर्ज की मात्रा इतनी ज्यादा हो गई है कि इसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। अगर इस कर्ज को दुनिया के हर इंसान में बांटा जाए तो हर व्यक्ति पर करीब 11 लाख रुपए का कर्ज आएगा। यह आंकड़ा किसी मजाक से कम नहीं लगता लेकिन सच्चाई यही है। दुनिया पर कुल कर्ज की राशि 102 ट्रिलियन डॉलर यानी 8,67,53,95,80,00,00,001 रुपए हो चुकी है।

दुनिया पर कुल कर्ज कितना है?

आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में दुनिया का कुल कर्ज 102 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है। वहीं दुनिया की कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 110 ट्रिलियन डॉलर है। इसका मतलब है कि दुनिया पर कुल कर्ज ग्लोबल जीडीपी का 93 प्रतिशत है।

कई देश ऐसे हैं जिनका कर्ज उनकी कुल जीडीपी से भी ज्यादा हो चुका है। वहीं कुछ देश डिफॉल्ट (ऋण चुकाने में असमर्थ) होने के कगार पर खड़े हैं।

दुनिया के हर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ

दुनिया की आबादी 8.2 बिलियन (820 करोड़) है। अगर इस कर्ज को हर व्यक्ति पर बराबर बांटा जाए तो एक इंसान पर 11 लाख रुपए का औसत कर्ज होगा। हालांकि यह आंकड़ा बदल सकता है क्योंकि दुनिया की आबादी हर सेकंड बदल रही है।

दुनिया के बड़े देशों पर कितना कर्ज?

1 अमेरिका

: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
: यह अमेरिका की कुल जीडीपी का 125 प्रतिशत है।
: ग्लोबल कर्ज में अमेरिका की हिस्सेदारी 34.6 प्रतिशत है।

2 चीन

: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर 14.69 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
: ग्लोबल कर्ज में चीन की हिस्सेदारी 16.1 प्रतिशत है।

3 जापान

: जापान पर कुल 10.79 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
: ग्लोबल कर्ज में उसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है।

4 ब्रिटेन

: ब्रिटेन पर 3.46 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
: ग्लोबल कर्ज में उसकी हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत है।

5 फ्रांस और इटली

: फ्रांस पर 3.35 ट्रिलियन डॉलर और इटली पर 3.14 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।

भारत की स्थिति क्या है?

: भारत कर्ज के मामले में 7वें स्थान पर है।
: भारत पर कुल 3.057 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
: यह भारत की कुल जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर से कम है।
: हालांकि कर्ज का यह आंकड़ा भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है।
: ग्लोबल कर्ज में भारत की हिस्सेदारी 3.2 प्रतिशत है।

कम कर्ज वाले देश

कुछ देश ऐसे भी हैं जिन पर कर्ज काफी कम है। इनमें इराक, चिली, चेक गणराज्य, वियतनाम, यूएई, बांग्लादेश, ताइवान, नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड जैसे देश शामिल हैं।

कर्ज की बढ़ती समस्या क्यों है खतरनाक?

दुनिया के कई बड़े देश अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में कर्ज ले रहे हैं। इसका असर उनकी स्थिरता और विकास पर पड़ सकता है। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो कई देशों की अर्थव्यवस्था डिफॉल्ट की ओर बढ़ सकती है।

बता दें कि दुनिया पर बढ़ता कर्ज एक गंभीर समस्या बन चुका है। खासतौर पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हर देश को इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
 


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News Editor

Rahul Rana

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