भारत का ये शहर बना नई दुबई, घर खरीदना आम आदमी के बस से हुआ बाहर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 02:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क। अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है और जिनके पास घर है वे भी भविष्य के लिए एक और प्रॉपर्टी लेने की सोचते हैं लेकिन आज की महंगाई और घरों की आसमान छूती कीमतों ने इस सपने को पूरा करना मुश्किल कर दिया है। खासकर अगर आप मुंबई जैसे शहर में किराए पर रह रहे हैं और वहाँ घर खरीदने का विचार कर रहे हैं तो आपकी मुश्किलें कई गुना बढ़ सकती हैं। दरअसल मुंबई में प्रॉपर्टी के रेट अब दुबई जैसे शहरों के करीब पहुँच रहे हैं।

मुंबई और दुबई में ज़मीन की कीमतें

हाल ही में राष्ट्रीय आवास बोर्ड ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में आय के हिसाब से जो 5 प्रतिशत सबसे अमीर परिवार हैं उन्हें भी मुंबई में अपना घर खरीदने के लिए 100 साल तक पाई-पाई जोड़नी पड़ेगी। यह आँकड़ा मुंबई को भारत का सबसे महंगा रियल एस्टेट बाज़ार बनाता है।

रिपोर्ट बताती है कि मुंबई में औसत कीमतें 26,975 रुपये प्रति स्क्वायर फीट तक पहुँच गई हैं। यह न केवल भारत के अन्य शहरों को बहुत पीछे छोड़ता है बल्कि ये दरें तो दुबई की प्रॉपर्टी दरों के लगभग बराबर पहुँच गई हैं। पिछले साल तक दुबई में ज़मीन की कीमत प्रति स्क्वायर फीट 27,884 रुपये के आसपास थी।

 

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लोगों की आय और बचत का गणित

रिपोर्ट में आय का गणित भी समझाया गया है। महाराष्ट्र में शीर्ष 5% शहरी लोगों के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह औसत आय 22,352 रुपये है। वहीं चार सदस्यों वाले परिवार के लिए प्रति माह आय लगभग 89,408 रुपये या प्रति वर्ष 10.7 लाख रुपये होगी।

अब अगर महाराष्ट्र के इन्हीं शीर्ष 5% परिवारों पर 30.2% की बचत दर लागू की जाए तो उनकी वार्षिक बचत लगभग 3.2 लाख रुपये के आसपास होगी। NHB के आँकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2025 में 645 स्क्वायर फीट से 1,184 स्क्वायर फीट के कारपेट एरिया वाले मकान की प्रति स्क्वायर फीट कीमत 29,911 रुपये थी।

इस हिसाब से देखा जाए तो मुंबई में 1,184 स्क्वायर फीट के एक घर की कीमत औसतन 3.5 करोड़ रुपये से ज़्यादा है। ऐसे में सालाना 3.2 लाख रुपये की बचत के हिसाब से महाराष्ट्र के शीर्ष 5% शहरी परिवारों को यह घर खरीदने के लिए कम से कम 109 साल तक बचत करनी होगी।

 

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कौन सा शहर सबसे किफायती?

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हरियाणा और गुरुग्राम हैं जहाँ घरों के लिए लोगों को 50 साल से ज़्यादा की बचत करने की ज़रूरत है। वहीं इस मामले में चंडीगढ़ सबसे किफायती शहर बनकर उभरा है। यहाँ बचत की अवधि 15 साल के आसपास है जो मुंबई की तुलना में काफी कम है।

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि मुंबई में एक आम व्यक्ति यहाँ तक कि अमीर तबके के लिए भी अपना घर खरीदना अब एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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