Amarnath Yatra : आतंकी हमले भी नहीं डिगा पाए बाबा बफार्नी के भक्तों का उत्साह, हर दिन पहुंच रहे हैं हजारों श्रद्धालु

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2024 - 06:02 AM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू क्षेत्र में हालिया आतंकवादी हमलों से बेरपवाह पूरे देश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए यहां ‘बम-बम भोल' और ‘हर-हर महादेव' के जयकारों के साथ पहुंच रहे हैं। जम्मू आधार शिविर से श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए अपनी आगे की यात्रा शुरू करते हैं। 

जम्मू संभाग में सेना के जवानों और तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमलों पर दुख जताते हुए अमरनाथ यात्रियों ने कहा कि उन्हें कोई भय नहीं है क्योंकि उन्हें भगवान शिव पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अगर अमरनाथ जाते समय रास्ते में उनकी मृत्यु हो जाती है तो यह उनके लिए बहुत सौभाग्य की बात होगी। इस साल 52 दिन की अमरनाथ यात्रा 29 जून को दो मार्गों से शुरू हुई थी। ये दो रास्ते दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पहलगाम के नुनवान से 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में महज 14 किलोमीटर का छोटा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग है। 

आंकड़ों के मुताबिक अब तक 2.50 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। यह यात्रा 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक यात्रा के साथ संपन्न होगी। पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन 4,600 से 6,500 श्रद्धालु जम्मू से कश्मीर घाटी के बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों के लिए रवाना हो रहे हैं। इंदौर निवासी 62 वर्षीय संतोष दास ने मीडिया से कहा, ‘‘डर या आतंक जैसी कोई बात नहीं है, हम अमरनाथ गुफा में पूजा करने के लिए जा रहे हैं। भोलेनाथ हमारे साथ हैं। हमें किसी चीज या किसी से डर नहीं है। हम आज जम्मू पहुंच गए हैं और कल यहां से रवाना होंगे।'' 

उन्होंने बताया कि सबसे पहली बार वह 1998 में बाबा बर्फानी के दर्शन करने आए थे तब आतंकवाद अपने चरम पर था। दास ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी श्रद्धालुओं को डरा नहीं सकते क्योंकि एक बार तीर्थयात्रा शुरू होने के बाद वे खुद को भोलेनाथ को सौंप देते हैं। दास की तरह से 60 लोगों के दल के साथ रांची से आई आरती सिंह ने कहा कि अगर वे लोग आतंकित होते तो अमनाथ यात्रा का हिस्सा नहीं बनते। 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर डर या आतंक होता तो यात्रियों की संख्या कम हो जाती लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आतंकवादी हमले करके इस यात्रा को रोक नहीं सकते।'' सिंह के भाई और चाचा सशस्त्र बलों में हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘हमें अपने सैनिकों पर गर्व है, जिन्होंने हमारी और देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। पाकिस्तान और उसकी आतंकवादी ताकतें जम्मू-कश्मीर में शांति को भंग नहीं कर सकतीं। हम उनसे डरते नहीं हैं।'' 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Related News