Dharmendra''s death: धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर को लेकर ईशा देओल का खुलासा, बताया कब हुई थी सौतेली मां से मुलाकात
punjabkesari.in Saturday, Nov 29, 2025 - 01:08 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन से उनके फैंस और इंड्रस्ट्री काफी दुखी है। उनके जाने के बाद परिवार अंदरूनी बातें चर्चा का विषय बन रही हैं। हाल ही में धर्मेंद्र के परिवार द्वारा प्रेयर मीट रखी गई थी, लेकिन इस दौरान हेमा मालिनी और उनकी बेटियां शामिल नहीं हुई थीं। दूसरी ओर हेमा मालिनी ने अपने घर पर गीता का पाठ और भजन संध्या का आयोजन किया था, जिसने सोशल मीडिया पर नई चर्चा शुरू कर दी है।
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जब ईशा देओल ने पहली बार देखी सौतेली मां प्रकाश कौर
धर्मेंद्र के निधन के बाद हेमा मालिनी और सनी देओल के परिवार के बीच मनमुटाव की खबरें भले ही चल रही हों, लेकिन ईशा देओल ने अपनी किताब में खुलासा किया था कि हेमा मालिनी ने कभी धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर की जिंदगी में दखल नहीं दिया। दोनों परिवारों ने हमेशा एक सम्मानजनक दूरी बनाए रखी। ईशा ने बताया था कि उन्होंने लगभग 30 साल की उम्र में पहली बार अपने पापा धर्मेंद्र के पहले घर जाकर प्रकाश कौर से मुलाकात की थी।
चाचा अजीत देओल की बीमारी बनी मुलाकात की वजह
यह भावुक मुलाकात साल 2015 में हुई थी। हेमा मालिनी की किताब 'हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल' में ईशा देओल ने उस पल का जिक्र किया है। ईशा देओल का अपने चाचा अजीत देओल (धर्मेंद्र के छोटे भाई) और उनके बेटे अभय देओल के साथ बहुत गहरा रिश्ता था। जब अजीत देओल बीमार थे और उनका इलाज धर्मेंद्र के पहले घर पर चल रहा था तब ईशा उनसे मिलने के लिए बेचैन थीं।
ईशा ने लिखा, "चाचा अजीत हॉस्पिटल में नहीं थे और उनसे मिलने के लिए मेरे पास पापा के घर जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।" इस मुश्किल घड़ी में ईशा ने सनी देओल को फोन किया और उन्होंने तुरंत मुलाकात की पूरी व्यवस्था कर दी।
पैर छूकर लिया था आशीर्वाद
ईशा देओल ने आगे उस पल के बारे में भी बताया जब उनकी मुलाकात प्रकाश कौर से हुई। ईशा ने बताया, "जब मैं चाचा अजीत देओल से मिलने के लिए लगभग 30 साल बाद पापा धर्मेंद्र के पहले घर गई, तो मेरी मुलाकात उनसे भी हुई थी। मैंने उनके (प्रकाश कौर) पैर छुए और जाने से पहले उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया था।" यह घटना साबित करती है कि दोनों परिवारों के बीच कोई बैर नहीं था, बल्कि एक-दूसरे के प्रति गहरा आपसी सम्मान मौजूद था।
