कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा लाभ: EPF और ESIC पर नया फैसला, वेतन सीमा बढ़कर 30,000 रुपये....

punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 11:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  भारत सरकार कर्मचारियों को अधिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के तहत मासिक वेतन सीमा को दोगुना करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में EPFO के तहत मासिक वेतन सीमा 15,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। साथ ही, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के तहत वेतन सीमा भी इतनी ही बढ़ाई जा सकती है।

हाल ही में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श हुआ। बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि अधिकतर सदस्य और श्रम मंत्रालय वेतन सीमा बढ़ाने के पक्ष में हैं। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय फरवरी 2025 में होने वाली केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया जाएगा।

वेतन सीमा बढ़ाने का लाभ
वर्तमान में EPFO के तहत 15,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी स्वेच्छा से योगदान से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन वेतन सीमा बढ़ाने से लाखों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सकेगा। अगर यह प्रस्ताव लागू हुआ, तो ईपीएफ के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी।

वर्तमान में, ESIC के तहत वेतन सीमा 21,000 रुपये है, और इसके तहत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलता है। श्रम मंत्रालय और बोर्ड इस प्रस्ताव पर सहमत दिख रहे हैं कि कई राज्यों में न्यूनतम वेतन सीमा ईपीएफ की वर्तमान सीमा से अधिक है, जिससे अधिक कर्मचारियों को इस दायरे में लाया जा सकेगा।


भारत में संगठित क्षेत्र की कार्यबल

भारत में संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी मुख्य रूप से उन संस्थानों में कार्य करते हैं जो विभिन्न सरकारी क़ानूनों के तहत पंजीकृत होते हैं, जैसे कि फैक्ट्रियों क़ानून, दुकानों और संस्थानों क़ानून, आदि। संगठित क्षेत्र में दो मुख्य खंड होते हैं: सार्वजनिक क्षेत्र (सरकारी) और निजी क्षेत्र। यहां पर विस्तृत विवरण दिया गया है:

  1. संगठित क्षेत्र में कुल कार्यबल

भारत में संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या लगभग 30-35 मिलियन (3-3.5 करोड़) अनुमानित है। इसमें सरकारी कर्मचारी और पंजीकृत निजी कंपनियों के कर्मचारी दोनों शामिल हैं।

  1. सरकारी कर्मचारी

    केंद्रीय सरकार के कर्मचारी: लगभग 3.0-3.5 मिलियन कर्मचारी केंद्रीय सरकारी संस्थाओं, मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत हैं।
    राज्य सरकार के कर्मचारी: लगभग 7-8 मिलियन कर्मचारी विभिन्न राज्य सरकारों के तहत काम करते हैं।
    लोक क्षेत्र उपक्रम (PSUs): PSUs में अतिरिक्त 1.5-2 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।

कुल सरकारी कर्मचारी: 11.5-13.5 मिलियन कर्मचारी (केंद्रीय, राज्य और PSU कर्मचारियों को मिलाकर)।

  1. EPFO के तहत कर्मचारी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत में एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा संस्था है। 2024 तक:
सक्रिय EPFO सदस्य: 72 मिलियन से अधिक सदस्य।
• इनमें सरकारी और निजी क्षेत्रों के कर्मचारी दोनों शामिल हैं, क्योंकि EPFO उन संगठनों को कवर करता है जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी होते हैं।
• EPFO के अधिकांश सदस्य निर्माण, IT, निर्माण, व्यापार और परिवहन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

  1. क्षेत्रवार कार्यबल का वितरण

यहां संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों का क्षेत्रवार वितरण दिया गया है:

A. सार्वजनिक क्षेत्र

  1. प्रशासन और रक्षा:
    • केंद्रीय सरकार की सेवाओं, राज्य सरकार की सेवाओं और रक्षा सेवाओं में 5 मिलियन से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
  2. शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल:
    • सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों में 2-3 मिलियन लोग काम करते हैं।
  3. सार्वजनिक उपयोगिताएँ और बुनियादी ढांचा:
    • सार्वजनिक उपयोगिताओं (बिजली, पानी और स्वच्छता) में लगभग 1 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।
  4. परिवहन और संचार:
    • रेलवे में 1.2-1.5 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।
    • अन्य सरकारी परिवहन सेवाएं और डाक सेवाओं में 1 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।

B. निजी क्षेत्र

  1. निर्माण और उद्योग:
    • संगठित फैक्ट्रियों और उद्योगों में लगभग 12-15 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।

  2. IT और IT-सक्षम सेवाएं (ITES):
    • TCS, Infosys और Wipro जैसी कंपनियां 4.5-5 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार देती हैं।

  3. बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं:
    • निजी बैंक और बीमा कंपनियां लगभग 1.5-2 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार देती हैं।

  4. खुदरा और व्यापार:
    • संगठित खुदरा क्षेत्र में 1-2 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।

  5. निर्माण:
    • बड़ी निर्माण कंपनियों में लगभग 2-3 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।

  6. परिवहन और लॉजिस्टिक्स:
    • इसमें ट्रकिंग, शिपिंग और विमानन शामिल हैं, जो 2-3 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार देते हैं।

  7. संगठित क्षेत्र में अनौपचारिक श्रमिक

    • संगठित क्षेत्र में लगभग 10-12% कार्यबल को "अनौपचारिक" माना जाता है, यानी वे EPFO या स्वास्थ्य सेवा जैसी लाभों का लाभ नहीं उठा पाते, भले ही वे पंजीकृत कंपनियों में काम करते हैं।

कुल संगठित कार्यबल: लगभग 30-35 मिलियन।
सरकारी कर्मचारी: लगभग 11.5-13.5 मिलियन।
EPFO सदस्य: 72 मिलियन से अधिक (सभी विशेष रूप से संगठित क्षेत्र के नहीं)।
निजी क्षेत्र का प्रभुत्व: विशेष रूप से निर्माण और IT क्षेत्रों में कार्यबल की संख्या अधिक है।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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