जयराम रमेश के निजीकरण संबंधी आरोपों पर पर्यावरण मंत्री का पलटवार, कहा- दिल्ली प्राणी उद्यान पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 03:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली प्राणी उद्यान और रिलायंस समूह के गुजरात स्थित वन्यजीव केंद्र के बीच प्रस्तावित समझौते के बारे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश की आलोचना को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि इस तरह के सहयोग नियमित हैं और इनका उद्देश्य जीव-जंतुओं की देखभाल और प्रबंधन को बेहतर करना है। मंत्री ने रमेश की टिप्पणी के जवाब में कहा, ‘‘कुछ लोगों ने हर समय जनता के मन में संदेह पैदा करना अपनी आदत बना ली है।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (एनजेडपी), जिसे दिल्ली प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाता है, ने जनवरी 2021 में गुजरात के जामनगर में ‘ग्रीन्स जूलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर' (जीजेडआरआरसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। केंद्र का प्रबंधन रिलायंस फाउंडेशन द्वारा वनतारा पहल के तहत किया जाता है।
यादव ने कहा, ‘‘प्रस्तावित एमओयू का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण, बचाव, पुनर्वास, पशु स्वास्थ्य और कल्याण में सहयोग को बढ़ावा देना है।'' उन्होंने कहा कि सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में पशु चिकित्सा देखभाल, देखभाल की सर्वोत्तम प्रणालियों को साझा करना, चिड़ियाघर नियोजन में तकनीकी सहायता और कर्मचारियों का प्रशिक्षण शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 60 साल पुराना दिल्ली प्राणी उद्यान अपनी सुविधाओं का आधुनिकीकरण करने और जीव-जंतुओं के कल्याण में वैश्विक मानकों को अपनाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, "जीजेडआरआरसी ने पशु स्वास्थ्य, चिड़ियाघर डिजाइन और आवास संवर्धन में अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की हैं। एनजेडपी का लक्ष्य इन सर्वोत्तम प्रणालियों को अपनाना है।'' यादव ने कहा कि इस तरह के सहयोग नये नहीं हैं और पूरे भारत में चिड़ियाघरों द्वारा नियमित रूप से किए जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्राणी उद्यान संरक्षण प्रयासों, वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा और क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए अन्य चिड़ियाघरों, विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों के साथ सहयोगात्मक एमओयू पर हस्ताक्षर करते हैं।'' मंत्री का यह बयान कांग्रेस महासचिव रमेश द्वारा दिल्ली प्राणी उद्यान का प्रबंधन एक निजी संस्था को सौंपने की गुप्त योजना पर चिंता जताए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। एक खबर का हवाला देते हुए रमेश ने कहा था, ‘‘दिल्ली प्राणी उद्यान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में है। यह बेहतर प्रबंधन पद्धति अपनाने के लिए वनतारा और गुजरात सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है।'' उन्होंने सवाल किया था कि क्या यह ‘‘प्राणी उद्यान को निजी उद्यम को सौंपने की दिशा में पहला कदम'' है और चेतावनी दी कि इस तरह का कदम एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा।